झन झन झन पायल-बुजदिल
अभी दो दिन पहले ही हमने एक प्रकार की 'झन झन' की बात की थी।
आज दूसरी प्रकार की झन झन हाज़िर है आपके लिए। ये है
निम्मी के ऊपर फिल्माया गया फ़िल्म बुजदिल का गीत।फ़िल्म सन १९५१
में रिलीज़ हुई थी । १९५० को हम हिन्दी फ़िल्म संगीत के स्वर्णिम
युग कि शुरुआत मान सकते हैं।
निम्मी के हिस्से में लता मंगेशकर के गाये कई खूबसूरत गीत आए हैं।
ये भी उनमे से एक है और बहुत कर्णप्रिय गीत है जिसको सचिन देव बर्मन ने
संगीत से संवारा है। गीत लिखा है प्रसिद्ध गीतकार शैलेन्द्र ने। ये उस ज़माने का
गीत है जब फ़िल्म और एल पी रिकॉर्ड के लिए अलग अलग गीत बना करते थे।
मेरा ऐसा मानना है कि फ़िल्म वाला वर्जन ज्यादा बेहतर है विनायल वाले से।
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