या बाबा मखदूम - खुश नसीब १९८२
नाम है। उन्होंने हिन्दी फिल्मों में भी अपना योगदान दिया है।
एक फ़िल्म आई थी जिसका नाम है खुश नसीब। ये सन १९८२
में रिलीज़ हुई थी। इस गीत को मैंने कई जगह बजते सुना मगर
फ़िल्म का नाम मुझे बाद में मालूम पड़ा। इतना जरूर मालूम था
कि इसका संगीत कल्याणजी आनंदजी द्वारा तैयार किया गया है।
प्रस्तुत गीत फारूक कैसर ने लिखा है और इसे गुलज़ार नाज़ा ने
गाया है ।
गाने के बोल:
या बाबा मखदूम
या बाबा मखदूम
गली गली में ,चर्चे तेरे
गली गली में ,चर्चे तेरे
नागर नागर में धूम
बाबा, नागर नागर में धूम
कसम खुदा की दिल कहता है
कसम खुदा की दिल कहता है
लगाके नारा झूम
या बाबा मखदूम
या बाबा मखदूम
या बाबा मखदूम
बाबा, या बाबा मखदूम
या बाबा मखदूम
बाबा, या बाबा मखदूम
आ, भटक रहे हैं दे दे सहारा
बना दे बिगड़ी तू ही खुदारा
तू ही खुदारा , तू ही खुदारा
कोई नहीं है जहाँ में अपना
इसलिए है तुझको पुकारा
तुझको पुकारा, तुझको पुकारा
कदम कदम पे क्या होना है,
कदम कदम पे क्या होना है
तुझे तो है मालूम
या बाबा मखदूम
या बाबा मखदूम
या बाबा मखदूम
बाबा, या बाबा मखदूम
या बाबा मखदूम
बाबा, या बाबा मखदूम
आ, ऐसा परदा नज़र पे छाया
जिगर का टुकडा लगे पराया
लगे पराया, लगे पराया
पड़ी है मुश्किल करम तू कर दे
सदा तू ऐसे में काम आया
तू काम आया, तू काम आया
काम तेरा है बिगड़ी बनाना
फ़र्ज़ तुझको पड़ेगा निभाना
जान दे दूँगा चौखट पे तेरी
मेरा ईमान तू न आज़माना
मांगता हूँ समंदर से कतरा
अपनी दरियादिली तू दिखाना
अपनी दरियादिली तू दिखाना
शान तेरी बयां क्या करुँ मैं
शान तेरी बयां क्या करुँ मैं
जानता है ये सारा ज़माना
जानता है ये सारा ज़माना
जाको राखे साइयां , मार सके न कोय
बाल बांका न कर सके जो जग बैरी होए
बाबा जिसका रखवाला हो उसपे चले न वार
उसपे चले न वार, बाबा उसपे चले न वार
तेरे दो दो हाथ हैं मूरख, उसके हाथ हज़ार
उसके हाथ हज़ार, हाँ हाँ , उसके हाथ हज़ार
सदा रहे ये सर पे साया,
सर पे साया
सदा रहे ये सर पे साया
दुआ करें मजलूम
या बाबा मखदूम
या बाबा मखदूम
या बाबा मखदूम
बाबा, या बाबा मखदूम
या बाबा मखदूम
बाबा, या बाबा मखदूम
.............................................................
Ya baba makhdoom-Khush naseeb 1982
0 comments:
Post a Comment