Oct 27, 2009

आंखों में रहो-कंपनी २००२

नई फिल्मों में भी कर्णप्रिय गीत पाये जाते हैं। ढूंढ के
सुनना पढता है , बस। एक नई गायिका सौम्या राव
जिनका नाम इस गाने के पहले मैंने नहीं सुना इस गाने
को साफ़ सुथरे तरीके से गा रही हैं। आजकल नए गायक
गायिका इतने आ गए हैं कि  नाम याद रखना मुश्किल।
जो भी हो, गाना उत्तम है और इसकी धुन बनाई है संदीप
चौटा ने जिन्होंने रामू उर्फ़ रामगोपाल वर्मा की फ़िल्म
मस्त में भी संगीत दिया था। इस गाने को सुनकर न जाने
क्यूँ एक दूसरा गीत याद आ जाता है-प्यार ये जाने कैसा है
जो फ़िल्म रंगीला में सुरेश वाडकर ने गया है। गीत फिल्माया
गया है अभिनेत्री अंतरा माली पर।



गाने के बोल:

आंखों में रहो बाहों में रहो होंठों पे रहो या दिल में रहो
आंखों में रहो बाहों में रहो होंठों पे रहो या दिल में रहो
आंखों में रहो बाहों में रहो होंठों पे रहो या दिल में रहो
यह सारे घर है तुम्हारे यह सारे घर है तुम्हारे
जहाँ भी दिल चाहें रहो

साँसों में रहो धड़कन में रहो पलकों में रहो जुल्फों में रहो
साँसों में रहो धड़कन में रहो पलकों में रहो जुल्फों में रहो
यह सारे घर हैं तुम्हारे यह सारे घर हैं तुम्हारे
जहाँ भी दिल चाहें रहो

पास हमारे आना हो तो बिना बुलाये आ जाना
पास हमारे आना हो तो बिना बुलाये आ जाना
कोई निशानी दे जाना थोडी सी खुशबू ले जाना
यादों में रहो ख़्वाबों में रहो रातों में रहो या दिन में रहों
यादों में रहो ख़्वाबों में रहो रातों में रहो या दिन में रहों
आज न जाने यह क्या हुआ है कोई ज़रा यह समझाए
आज न जाने यह क्या हुआ है कोई ज़रा यह समझाए
इतना सुरूर छाया है जी करता है मर जाए

वादों में रहो कस्मों में रहो आँचल में रहो काजल में रहो
वादों में रहो कस्मों में रहो आँचल में रहो काजल में रहो
यह सारे घर है तुम्हारे यह सारे घर है तुम्हारे
जहाँ भी दिल चाहें रहो
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Ankhon mein raho-Company 2002

Artist: Antara Mali

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