प्यार की आग में- जिद्दी १९६४
इतने उतार चढाव और हास्य भरा ये गीत बेहद अनूठा है ।
महमूद पर फिल्माया गया ये गीत फ़िल्म जिद्दी से है ।
उन दिनों में फिल्मों में कॉमेडियन कि ख़ास भूमिका
हुआ करती थी और कई फिल्मों में आपको आधे घंटे से
लेकर एक घंटे का मसाला हास्य कलाकार पर मिल जाएगा.
महमूद ५ स्टार कॉमेडियन माने जाते थे अपने ज़माने में ।
गाने की पृष्ठभूमि ऐसी है कि लड़की का बाप शादी के बाद
भी पति पत्नी को मिलने नहीं देता । पति की विरह वेदना
गाने के जरिये निकलती है । इसमे वाद्य यन्त्र भी विरह वेदना
पीड़ित सुनाई पड़ते हैं। संगीत है सचिन देव बर्मन का
और बोल लिखे हैं हसरत जयपुरी ने।
गाने के बोल:
दुनिया बनानेवाले सुन ले मेरी कहानी
रोये मेरी मोहब्बत, तड़पे मेरी जवानी
प्यार की आग में तनबदन जल गया
प्यार की आग में तनबदन जल गया
जाने फिर क्यूँ जलाती है दुनिया मुझे
जाने फिर क्यूँ जलाती है दुनिया मुझे
प्यार की आग में तनबदन जल गया
में तो रोता फिरूं बादलों की तरह
ठंढी आहें भरूं पागलों की तरह
में तो रोता फिरूं बादलों की तरह
अरे, मैं तो हो हो हो रोता फिरू, ऊं ऊं ऊं
में तो रोता फिरूं बादलों की तरह
ठंढी आहे भरूं पागलों की तरह
जाने फिर क्यूँ, फिर क्यूँ
जाने फिर क्यूँ रुलाती है दुनिया मुझे
प्यार की आग में तन बदन जल गया
प्यार की आग में तन बदन जल गया
बात जब मैं करुँ मुहँ से निकले धुआं
जल गया, जल गया, मेरे दिल का जहाँ
बात जब मैं करुँ मुहँ से निकले धुआं
आह, फुयीं.....
जल गया, जल गया, मेरे दिल का जहाँ
जाने फिर क्यूँ, फिर क्यूँ
जाने फिर क्यूँ सताती है दुनिया मुझे
प्यार की आग में तनबदन जल गया
प्यार की आग में तनबदन जल गया
इश्क मुझको नचाता रहा है सदा
क्या क्या सपने दिखता रहा है सदा
इश्क मुझको नचाता रहा है सदा
इश्क मुझको नचाता रहा है सदा
क्या क्या सपने दिखता रहा है सदा
जाने फिर क्यूँ, फिर क्यूँ
जाने फिर क्यूँ नचाती है दुनिया मुझे
प्यार की आग मैं तन बदन जल गया
प्यार की आग में तनबदन जल गया
प्यार की आग में तनबदन जल गया
तनबदन जल गया
तनबदन जल गया
तनबदन जल गया
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Pyar ki aag mein-Ziddi 1964
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