अपने पिया की मैं तो-कण कण में भगवान १९६३
पंडित शिवराम कृष्ण नाम है एक संगीतकार का, जिन्होंने
श्वेत श्याम के ज़माने में काफ़ी फिल्मों में संगीत दिया। उनका बनाया
एक गीत शादी ब्याह के अवसर पर अवसर गाया जाता था। महिला
संगीत के कार्यक्रमों में ये सुनाई दे जाता था। इसके बोल लिखे हैं
भरत व्यास ने और इसे फिल्माया गया है अनिता गुहा पर।
'कण कण में भगवान' एक पौराणिक एवम धार्मिक फ़िल्म है।
धार्मिक फ़िल्म होने की वजह से ये एक बार परदे पर दिखने
के बाद सिनेमा-गृहों में नहीं दिखाई थी। बहुत साल के बाद इसके
गीत देखने का मौका मिला है। विडियो अपलोड करने वाले को धन्यवाद्।
गीत सुमन कल्यानपुर ने गाया है। अनिता गुहा के साथ में धार्मिक फ़िल्म
विशेषज्ञ हीरो-महिपाल हैं।
गाने के बोल:
पिया चरण की भभूत रमाई, प्रीत की पहनी माला
अब काहे का डरना जग से, मन में हुआ उजाला
अपने पिया की मैं तो बनी रे जोगनिया
अपने पिया की मैं तो बनी रे जोगनिया
हँसी उड़ाये चाहे सारी दुनिया,
मैं तो बनी रे जोगनिया
अपने पिया की मैं तो बनी रे जोगनिया
सांवरिया के रंग में चुनरिया रंगाउंगी
सांवरिया के रंग में चुनरिया रंगाउंगी
चंद्रमा का झुमका पहन पिया आउंगी
झन झन बाजे मोरी, हो, ओ
झन झन बाजे मोरी झांझरिया
मैं तो बनी रे जोगनिया
अपने पिया की मैं तो बनी रे जोगनिया
हँसी उड़ाये चाहे सारी दुनिया,
मैं तो बनी रे जोगनिया
अपने पिया की मैं तो बनी रे जोगनिया
तेरे लिए मैंने तो शर्म-लाज छोड़ी रे
तेरे लिए मैंने तो शर्म-लाज छोड़ी रे
तेरे संग जोड़ी तो जगत संग तोडी रे
तू है मोहन मेरा, हो, ओ, ओ ,ओ
तू है मोहन मैं तेरी मोहनिया,
मैं तो बनी रे जोगनिया
अपने पिया की मैं तो बनी रे जोगनिया
हँसी उड़ाये चाहे सारी दुनिया
मैं तो बनी रे जोगनिया
अपने पिया की मैं तो बनी रे जोगनिया
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