आ मेरे गले लग जा-बाज़ी १९६८
फैशन फिल्में देख के भी चला करता है। इस गाने में
देखिये एक नई डिजाईन का कुरता जिसको पहन रखा है
वहीदा रहमान ने। फ़िल्म का नाम है बाज़ी जो सन १९६८
की बाज़ी है। गाना गा रही हैं लता मंगेशकर और इसकी
धुन बनाई है कल्यानजी आनंदजी ने। ये एक दुर्लभ गीत है।
दुर्लभ का अर्थ उन फिल्मों से है जो आसानी से देखने को
नहीं मिलती। हीरो हैं धर्मेन्द्र। धर्मेन्द्र और वहीदा की जोड़ी
कुछ फिल्मों में आई है। एक गीत पहले प्रस्तुत किया जा
चुका है इस जोड़ी का।
गाने के बोल:
आ मेरे गले लग जा
ओ जाने जाना
खुशी है ज़िन्दगी है, नई दुनिया मिली है
खुशी है ज़िन्दगी है, नई दुनिया मिली है
आ मेरे गले लग जा
ओ जाने जाना
आ मेरे गले लग जा
ओ जाने जाना
दिल की कहानी मेरी, सुन ले जबानी मेरी
मस्ती के ख्वाब क्या क्या, देखे जवानी मेरी
निगाहों में नशा है, निराली बेखुदी है
निगाहों में नशा है, निराली बेखुदी है
आ मेरे गले लग जा
ओ जाने जाना
आ मेरे गले लग जा
ओ जाने जाना
मेरे जो दिल ने माँगा, मैंने वो सब कुछ पाया
तूने मोहब्बत दे दी, दौलत मुक़द्दर लाया
तू मेरे साथ है तो मुझे फ़िर क्या कमी है
तू मेरे साथ है तो मुझे फ़िर क्या कमी है
आ मेरे गले लग जा
ओ जाने जाना
आ मेरे गले लग जा
ओ जाने जाना
खुशी है ज़िन्दगी है, नई दुनिया मिली है
खुशी है ज़िन्दगी है, नई दुनिया मिली है
आ मेरे गले लग जा
ओ जाने जाना
आ मेरे गले लग जा
ओ जाने जाना
0 comments:
Post a Comment