Nov 26, 2009

दोनों ने किया था प्यार मगर-महुआ १९६९

कुछ गीत ऐसे बन जाते हैं जिनका कद सब चीज़ों से बढ़
जाता है। सोनिक ओमी के पिटारे से भी ऐसी सन १९६९ में
एक धुन निकली कि श्रोता झूम उठे। इस गीत के वाद्य यंत्रों
और गायक रफ़ी की जुगलबंदी ऐसी जमी कि ये गीत सबसे
बढ़िया दर्द भरे गीतों में शामिल हो गया। १९६९ में आई फ़िल्म
महुआ के लिए इसकी लिखा है कमर जलालाबादी ने। इस
गीत की हर चीज़ मुझे याद है।

कुछ  जगह पर संगीत भक्त सोनिक-ओमी को गरीब संगीतकार
बतलाते हैं. वे धन के मामले में भले ही गरीब रहे हों लेकिन
संगीत के मामले में काफी समृद्ध थे. इस गीत को श्रेष्ठ गीत
आम जनता की नज़र में तो माना ही जाता है.



गाने के बोल:

दोनों ने किया था प्यार मगर
मुझे याद रहा तू भूल गई
मैंने तेरे लिए रे जग छोड़ा
तू मुझको छोड़ चली

तूने मुझसे किया था कभी वादा
मेरी ताल पे तू दौड़ी चली आएगी
कैसा बंधन है प्यार का ये बंधन
इसे छोड़ के तू कैसे चली जायेगी
क्या यही है वफ़ा मुझे ये तो बता
मेरी महुआ, वो तेरे वादे क्या हुए
क्या यही है वफ़ा, मुझे ये तो बता, मेरी महुआ
ओ मेरी जाना

दोनों ने किया इकरार मगर
मुझे याद रहा तू भूल गई
मैंने तेरे लिए रे जग छोड़ा
तू मुझको छोड़ चली

आज मैं अपने दिल कि सदा से
आसमान को हिला के रहूँगा
मौत कि नींद सोने वाली
आज तुझको जगा के रहूँगा
तू न जागी तो मैं आंसुओं में,
सारे जग को बहा के रहूँगा
तू अगर उस जहाँ से ना आई,
इस जहाँ को जला के रहूँगा
तू है मेरा बदन मैं बदन का,
रूप वापस बुला के रहूँगा
ओ मेरी आत्मा आत्मा को, आत्मा से मिलाके रहूँगा
तू है मेरी दुल्हन, आज होगा मिलन, मेरी महुआ
ओ तेरे वादे क्या हुए
क्या यही है वफ़ा, मुझे ये तो बता, मेरी महुआ
ओ मेरी जाना

दोनों ने किया इज़हार मगर
मुझे याद रहा तू भूल गई
मैंने तेरे लिए रे जग छोड़ा
तू मुझको छोड़ चली
मैंने तेरे लिए रे जग छोड़ा
तू मुझको छोड़ चली
..................................
Dono ne kiya tha pyar-Mahua 1969

Artists: Shiv Kumar, Anjana Mumtaz

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