खुश रहे तू सदा -खिलौना १९७०
ज़िन्दगी झटकों से भरी होती है। कोई धीमा झटका ज़ोर से लगता है
तो कभी कभी ज़ोर का झटका धीरे से लग जाता है। असर दोनों स्तिथियों
में होता है। कुछ दिन पहले मुझे भी एक झटका लगा। लगा क्या, कहिये
लगाया गया। कभी कभी ऐसा महसूस होता है जैसे किसीने कुल्फी खिलाने
के बहाने आपको कुँए में धक्का दे दिया हो। ऐसे अवसर पर कैसा गीत दिमाग
में आता है उसका नमूना पेश है- फ़िल्म खिलौना से। ये एक घिसा हुआ गीत है।
मदिरा प्रेमियों ने इसको आम जनता से ज्यादा सुना है।
गीत के बोल:
तेरी शादी पे दूँ तुझको तोहफा मैं क्या
पेश करता हूँ दिल एक टूटा हुआ
खुश रहे तू सदा ये दुआ है मेरी
खुश रहे तू सदा ये दुआ है मेरी
बेवफा ही सही,
बेवफा ही सही,दिलरुबा है मेरी
खुश रहे
जा मैं तन्हा रहूँ तुझको महफ़िल मिले
ho, जा मैं तन्हा रहूँ तुझको महफ़िल मिले
डूबने दे मुझे, तुझको साहिल मिले
आज मर्ज़ी यही
आज मर्ज़ी यही, नाखुदा है मेरी
खुश रहे तू सदा ये दुआ है मेरी
खुश रहे
उम्र भर ये मेरे दिल को तड़पायेगा
हो, उम्र भर ये मेरे दिल को तड़पायेगा
दर्द ऐ दिल अब मेरे साथ ही जाएगा
मौत ही आखरी,
मौत ही आखरी बस दावा है मेरी
मौत ही आखरी बस दावा है मेरी
खुश रहे तू सदा ये दुआ है मेरी
खुश रहे
खुश रहे
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