Nov 14, 2009

कोई हसीना जब-शोले १९७५

जिस गाने ने तांगे को ग्रेस प्रदान किया वो है फ़िल्म शोले से।
बसंती और धन्नो की बदौलत तांगे की दम तोड़ती यादें ताज़ा
हो गई।

शोले हिन्दी फ़िल्म सिनेमा के इतिहास में एक मील का पत्थर
फ़िल्म है। फ़िल्म आने के बाद जो गीत सबसे ज्यादा बजा वो
यही है। जनता कुछ भी दावे करती रहे, सबसे ज्यादा यही सुनने
को मिला।

इस हसीन गीत के बोल लिखे हैं आनंद बक्षी ने और धुन बनाई है
राहुल देव बर्मन ने। इस गीत में हिन्दी सिनेमा के परदे की सबसे
सफल जोडियों में से एक है ।

इस गीत के आने के बाद महिलाओं ने क्या क्या नहीं चलाया-बस,
टैक्सी, एरोप्लेन , हेलीकाप्टर इत्यादि। आपको ये ग़लत फ़हमी न
हो जाये कि ये किसी यात्री गाड़ी पर गाना फिल्माया गया है उसके
लिए इस गीत में घोडे की हिनहिनाहट भी शामिल की गई है।

यूट्यूब  वीडियोज का क्या है-वो आने जाने हैं. इसलिए हम सुन
के आनंद उठाने में ज्यादा विश्वास रखते हैं.




गाने के बोल:

कोई हसीना जब रूठ जाती है तो
और भी हसीन हो जाती है
कोई हसीना जब रूठ जाती है तो
और भी हसीन हो जाती है

टेशन से गाड़ी जब छूट जाती है तो
एक दो तीन हो जाती है

हेमा: चल हट साले...........

हाथों में चाबुक , होंठों पे गालियाँ
हाथों में चाबुक , होंठों पे गालियाँ
बड़ी नखरे वालियां, होती है तांगे वालियां

कोई तांगे वाली जब रूठ जाती है तो, है तो, है तो
और नमकीन हो जाती है

कोई हसीना जब रूठ जाती है तो
और भी हसीन हो जाती है

जुल्फों में छैयां, मुखड़े पे धूप है
हे, जुल्फों में छैयां, मुखड़े पे धूप है
बड़ा मजेदार गोरिये ये तेरा रंग रूप है

डोर से पतंग जब टूट जाती है तो, है तो, है तो
रुत रंगीन हो जाती है

कोई हसीना जब रूठ जाती है तो
और भी हसीन हो जाती है
टेशन से गाड़ी जब छूट जाती है तो
एक दो तीन हो जाती है
एक दो तीन हो जाती है
एक दो तीन हो जाती है
............................................................
Koi haseena jab-Sholay 1975

Artists: Dharmendra, Hema Malini

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