Nov 14, 2009

सजन रे झूठ मत बोलो -तीसरी कसम १९६६

जादू वो जो सर चढ़ कर बोले। ये गीत अलौकिक गीतों में से एक है।
शैलेन्द्र ने सरल सुलभ भाषा में ज़िन्दगी का फलसफा कह डाला है।
इसकी धुन इससे बढ़िया शायद नहीं बनाई जा सकती थी। गति,
गायकी, संगीत  सब नियंत्रित है। इस गीत को आप तीसरी कसम का
सर्वश्रेष्ठ गीत कह सकते हैं। जरूरी नहीं की दुखद गीत ही सबसे बढ़िया
गीत हो किसी कथानक में। ऐसे गीतों के लिए किसी नामचीन कलाकार
की जरूरत नहीं है परदे पर। किसी पर भी फिल्माया गया हो, ऐसे गीत
अमर हो जाते हैं। मुकेश की आवाज़ में दर्द का स्थायी भाव था इसलिए
उनके गाये हुए रोमांटिक गीतों के अलावा सभी गीतों में आपको गंभीरता
का एहसास होता है।

यूँ कहिये अगर इस गीत को किसी शास्त्रीय संगीत के जानकर गायक
द्वारा गवाया जाता तो वो इसमे छैना मुरकी तो डाल देता मगर इसकी
आत्मा का कचूमर निकाल देता । भले ही राज कपूर के बहाने ये गीत
मुकेश से गवा लिया गया हो मगर कल्पना कीजिये इस गीत को किसी
और आवाज़ में, संभव नहीं है ।


गाने के बोल:

सजन रे झूठ मत बोलो
खुदा के पास जाना है
न हाथी है न घोड़ा है
वहां पैदल ही जाना है

सजन रे झूठ मत बोलो
खुदा के पास जाना है
न हाथी है न घोड़ा है
वहां पैदल ही जाना है

सजन रे झूठ मत बोलो

तुम्हारे महल चौबारे
यहीं रह जायेंगे सारे

तुम्हारे महल चौबारे
यहीं रह जायेंगे सारे

अकड़ किस बात की प्यारे
अकड़ किस बात की प्यारे
ये सर फिर भी झुकाना है


सजन रे झूठ मत बोलो
खुदा के पास जाना है

भला कीजे भला होगा
बुरा कीजे बुरा होगा

भला कीजे भला होगा
बुरा कीजे बुरा होगा

वही लिख लिख के क्या होगा
वही लिख लिख के क्या होगा

यहीं सब कुछ चुकाना है

सजन रे झूठ मत बोलो
खुदा के पास जाना है

लड़कपन खेल में खोया
जवानी नींद भर सोया

लड़कपन खेल में खोया
जवानी नींद भर सोया

बुढापा देख कर रोया
बुढापा देख कर रोया

वही किस्सा पुराना है

सजन रे झूठ मत बोलो
खुदा के पास जाना है
न हाथी है न घोड़ा है
वहां पैदल ही जाना है

सजन रे झूठ मत बोलो
खुदा के पास जाना है
...........................................................................
Sajan re jhooth mat bolo-Teesri kasam 1966

Artists-Raj Kapoor, Waheeda Rehman

2 comments:

Geetsangeet March 14, 2018 at 7:24 PM  

नहीं जी हमें तो गुलाब जामुन पसंद हैं.

© Geetsangeet 2009-2020. Powered by Blogger

Back to TOP