ये तेरी सादगी ये तेरा बाँकपन-शबनम १९६४
महमूद के खाते में कई रोमांटिक गीत आये। इसमें से कुछ हास्य का
पुट लिए हुए थे तो कुछ गंभीर किस्म के रोमांटिक गीत। इस गीत को
सुनने में और देखने में थोडा अलग अनुभव होता है। गाने में जो भी
गंभीरता बाकी थी वो लोकप्रिय सवारी के आते ही गायब हो जाती है ।
लक्ष्मी नाम वाली अभिनेत्रियाँ बहुत सी हैं हिंदी फिल्मों में, अधिकतर
दक्षिण भारत से आई हुई। इस फिल्म में विजय लक्ष्मी नाम की अभिनेत्री
हैं जो परदे पर महमूद के साथ दिखाई दे रही हैं। गीत लिखा है जावेद अनवर
ने और इसकी धुन बनायीं है उषा खन्ना ने।
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गाने के बोल:
ये तेरी सादगी ये तेरा बाँकपन
ये तेरी सादगी ये तेरा बाँकपन
जान-ए-बहार जान-ए-चमन
जान-ए-बहार जान-ए-चमन, हाय
तौबा शिकन, तौबा शिकन, तौबा शिकन
चाल में शोखियाँ या नशीली बिजलियाँ
चाल में शोखियाँ या नशीली बिजलियाँ
हर तरफ़ ये शोर है गिर पड़ेगा आस्मां
पर तेरी ख़ामोशी, अल्लमा, अल्लमा
ये तेरी सादगी ये तेरा बाँकपन
जान-ए-बहार जान-ए-चमन, हाय
तौबा शिकन, तौबा शिकन, तौबा शिकन
यूँ ख़फ़ा न होइये सुर्ख गालों की क़सम
यूँ ख़फ़ा न होइये सुर्ख गालों की क़सम
प्यार होगा और दूना, और भी तडपेंगे हम
ये शरम ये हया, मर्हबा, मर्हबा
ये तेरी सादगी ये तेरा बाँकपन
जान-ए-बहार जान-ए-चमन, हाय
तौबा शिकन, तौबा शिकन, तौबा शिकन
तिरछी नज़रों से न देखो, आशिक़-ए-दिल्गीर को
तिरछी नज़रों से न देखो, आशिक़-ए-दिल्गीर को
कैसे तीर अँदाज़ हो, सीधा तो कर लो तीर को
ये गया दिल मेरा, अल्विदा, अल्विदा
ये तेरी सादगी ये तेरा बाँकपन
जान-ए-बहार जान-ए-चमन, हाय
तौबा शिकन, तौबा शिकन, तौबा शिकन
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