Dec 31, 2009

जादू भरी आँखों वाली सुनो-दस्तक १९९६

सुष्मिता सेन के मिस यूनीवर्स बनते ही सबसे पहले लाभ उठाया सौंदर्य
प्रसाधन बनाने वाली कंपनियों और प्रायोजकों ने। इस अवसर को फिल्मों
में सबसे पहले भुनाने की कोशिश करी महेश भट्ट ने जिन्होंने सुष्मिता सेन
के साथ शरद कपूर को लेके एक फिल्म बनायीं-'दस्तक'। १९९६ में आई ये
फिल्म लोग ज्यादातर इसलिए देखने गए कि नयी मिस यूनीवर्स कैसी दिखती
है। इस गीत में वो सारे लटके झटके शामिल किये गए हैं जो मिस यूनिवर्स
प्रतियोगिता के प्रतिस्पर्धी स्टेज पर दर्शाते हैं । महेश भट्ट के कथानक में
अक्सर एक मानसिक रूप से बीमार किरदार होता है ।इस फिल्म में भी ,जो
युवक मिस यूनिवर्स पे आसक्त है, वो मानसिक रूप से अस्थिर एक बुद्धिजीवी
है। फिल्म की पटकथा लिखी थी विक्रम भट्ट ने और उसमे सचिन भौमिक
(आराधना-१९६९ की कहानी लिखने वाले ) ने भी योगदान दिया। समीर के
बोलों को आवाज़ दी है उदित नारायण ने और धुन बनाई है राजेश रोशन ने।



गीत के बोल:

मुह्ज्को जब ऐसे देखती हो तुम
रंग भर जाते हैं फिजाओं में
कसमसाती है आरजू दिल में
गीत घुल जाते हैं हवाओं में

जादू भरी आँखों वाली सुनो
जादू भरी आँखों वाली सुनो
तुम ऐसे मुझे देखा ना करो
तुम ऐसे मुझे देखा ना करो

जादू भरी आँखों वाली सुनो
जादू भरी आँखों वाली सुनो
तुम ऐसे मुझे देखा ना करो
तुम ऐसे मुझे देखा ना करो

फिर मैं कोई उम्मीद करूं
फिर मुझे कोई अरमां हो
फिर मैं कोई उम्मीद करूं
फिर मुझे कोई अरमां हो
तुम शायद मेरी बन जाओ
फिर दिल को ऐसा गुमान हो
पर ऐसा ना हो तो अच्छा है
इन बातों में क्या रक्खा है
मुझको ऐसी उम्मीद ना दो

जादू भरी आँखों वाली सुनो
जादू भरी आँखों वाली सुनो
तुम ऐसे मुझे देखा ना करो
तुम ऐसे मुझे देखा ना करो

फिर धड़कन में तुम बस जाओ
फिर कोई ग़ज़ल में गाऊँ
फिर धड़कन में तुम बस जाओ
फिर कोई ग़ज़ल में गाऊँ
फिर चाँद में तुमको मैं देखूं
फूल में तुमको पाऊँ
पर ऐसा ना हो तो अच्छा है
इसका अंजाम जो होता है
वो दर्द ही देता है दिल को

जादू भरी आँखों वाली सुनो
जादू भरी आँखों वाली सुनो
तुम ऐसे मुझे देखा ना करो
तुम ऐसे मुझे देखा ना करो

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