Jan 4, 2010

बालम आए बसो मोरे मन में- देवदास १९३५

शुरुआती दौर का एक प्रसिद्ध गीत। वैसे तो सहगल के अधिकतर
गाने प्रसिद्ध हैं लेकिन ये थोडा विशेष है। एक वो ज़माना था जब पेड़ों
के पीछे साजिन्दे छुपकर खड़े हो जाते थे और गाना रिकॉर्ड होता था ।
पार्श्व गायन अभी तक बॉलीवुड में नहीं आया था । इस गीत में सहगल
ने अभिनय किया है और ख़ुद गाया भी है। १९३५ की देवदास फ़िल्म से
ये गीत लिया गया है आज आपके लिए। केदार शर्मा ने इसके बोल लिखे
हैं और संगीत तैयार किया है तिमिर बरन ने। तिमिर बरन बंगला मूल
के संगीतकार थे। उस समय की फिल्मों को देख पाना दुर्लभ अनुभव है।
उसकी कई वजह हैं जिसमे से एक है फिल्म देखने के लिए उपलब्ध नहीं
होना। इस गीत में जमुना नाम की अभिनेत्री हैं जिन्होंने देवदास फिल्म
में पारो की भूमिका निभाई है।



गाने के बोल:

बालम आए बसो मोरे मन में
बालम आए बसो मोरे मन में
बालम आए बसो मोरे मन में
बालम

सावन आया तुम न आए

बालम आए बसो मोरे मन में
बालम आए बसो मोरे मन में
सावन आया तुम न आए
सावन आया तुम न आए
तुम बिन रसिया कुछ न भाये
तुम बिन रसिया कुछ न भाये
मन में मोरे हूक उठत जब
मन में मोरे हूक उठत जब
कोयल कूकती बन में

बालम आए बसो

हाँ तो तुम आ गईं
पूजा के लिए मंदिर में जा रही थी
तो फिर यहाँ क्यूँ आयीं
मुझे मेरे देवता ने बुलाया इसलिए मैं आ गयी
.....
......
.....

सूरतिया जा की मतवारी
सूरतिया जा की मतवारी
पतली कमरिया उमरिया बारी
सूरतिया जा की मतवारी
पतली कमरिया उमरिया बारी
एक नया संसार बसा है
एक नया संसार बसा है
जिनके दो नैनन में

बालम आए बसो मोरे मन में
बालम आए बसो मोरे मन में

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