लोगों न मारो इसे-अनामिका १९७२
जाया भादुड़ी और संजीव कुमार पर फिल्माया गया और आशा भोंसले
द्वारा गाया गया एक नटखट गीत। फिल्म अनामिका के लिए इस गीत की
रचना की थी मजरूह सुल्तानपुरी ने और धुन बनायीं राहुल देव बर्मन ने।
फिल्म के दूसरे दो गीत बहुत बजे थे। इस गीत से परिचय उन्ही लोगों का
हुआ जिन्होंने फिल्म देखी है। बर्फ के गोले बना के फेंकने का सुख आपको
तभी मिल सकता है जब आप बर्फीली पहाड़ियों पर घूमने जाएँ। पिटाई
करवाने के बाद हमदर्दी दिखाती नायिका, ऐसे वाकये हिंदी फिल्मों में कई
मिलेंगे आपको, पढ़ते रहिये ये ब्लॉग। सीधी साधी कहानी में मनोरंजक
पेंच और घुमाव ऐसे ही दिए जाते हैं और बन जाती है स्क्रिप्ट। गीत का
मुखड़ा किधर और अंतरा किधर, ढूंढते रहिये .......
गाने के बोल:
लोगों न मारो इसे
यही तो मेरा दिलदार है
लोगों न मारो इसे
यही तो मेरा दिलदार है
दिल से जो दिल टकराये
नहीं दुशमनी ये प्यार है
हम ज़रा जो उलझ गये
क्यूँ लडाई समझ गये?
प्यारी प्यारी ये थी हमारी
मोहब्बत की दिल्लगी ज़रा
काहे को रूठा दीवाना मेरा
तू ही तो सपना सुहाना मेरा
ये लो सैयां मैं ही हारी
उलटा पड़ा निशाना मेरा
काहे को रूठा दीवाना मेरा
तू ही तो सपना सुहाना मेरा
ये लो सैयां, मैं ही हारी
उलटा पड़ा निशाना मेरा
काहे को रूठा दिवाना मेरा
यूँ तो शुरू से हूँ मैं
तुम ही पर ये दिल हारे हुए
लेकिन ख़फ़ा होके तुम
तो आज और भी प्यारे हुए
प्यार था तो सताया तुम्हें
रंग अदा का दिखाया तुम्हें
कैसा नादान भोला भाला
अभी तक है मस्ताना मेरा
काहे को रूठा दिवाना मेरा
तेरे मिलन से यूँ ही
महकता रहे मेरा जहाँ
सदा लगी रहूँ गले
कभी न ढले अब ये समा
तेरी चाहत जवानी मेरी
तेरा ग़म ज़िंदगानी मेरी
तुझ को चाहूँ तुझी को पूजूँ
यही बस हो अफ़साना मेरा
काहे को रूठा दीवाना मेरा
तू ही तो सपना सुहाना मेरा
ये लो सैयां मैं ही हारी
उलटा पड़ा निशाना मेरा
काहे को रूठा दीवाना मेरा, आ
तू ही तो सपना सुहाना मेरा, आ
ये लो सैयां मैं ही हारी
उलटा पड़ा निशाना मेरा
काहे को रूठा दीवाना मेरा
तू ही तो सपना सुहाना मेरा
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