सपनों में अगर मेरे-दुल्हन एक रात की १९६६
'पाव भाजी' खाने वाले किसी व्यक्ति को बनारस का प्रसिद्ध
"मलैयो" पसंद आ सकता है। एक मित्र हैं हमारे(ऑरकुट वाले)
जिनका मानना है कि फिल्म-दुल्हन एक रात की" में सबसे
बढ़िया गीत ये है जिसे आज हम सुनेंगे । फिल्म के शीर्षक
गीत के बाद अगर कोई गीत थोडा कम शोरगुलवाला है तो वो
शायद यही है। इसमें सबसे ज्यादा उतार चढाव हैं इसलिए
थोडा कानों की कसरत भी हो जाती है। कुल मिलकर ये कहा
जाए कि मदन मोहन ने नूतन के लिए उनकी प्रतिभा और
व्यक्तित्व के साथ न्याय करते हुए एक उत्तम धुन बनाई है।
गीत के बोल:
bol baad mein chipkaye jayenge, dhanyawad....
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