जहाँ में ऐसा कौन है-हम दोनों १९६१
आशा भोंसले की आवाज़ की आवश्यक और अनावश्यक
खूबियाँ सभी मौजूद हैं इस गीत में। इस गीत की धुन पर
एक और गीत है फिल्म में जिसे रफ़ी ने गाया है। गीत शांत
किस्म का है और इसमें मौजूद संतूर की आवाज़ उसे अधिक
शीतलता प्रदान कर रही है। ढाढ़स बंधाने के लिए सुन्दर अभिनेत्री
हो तो नायक मजबूरन उसकी मधुर वाणी से प्रेरित होगा ही।
नायिका साधना हैं और नायक देव आनंद हैं। गीत साहिर का और
संगीत जयदेव का है।
गीत के बोल:
दुःख और सुख के रास्ते,
बने हैं सब के वास्ते
जो ग़म से हार जाओगे,
तो किस तरह निभाओगे
ख़ुशी मिले हमें के गम
ख़ुशी मिले हमें के गम
जो होगा बाँट लेंगे हम
मुझे तुम आजमाओ तो
ज़रा नज़र मिलाओ तो,
ज़रा नज़र मिलाओ तो
ये जिस्म पास हैं मगर
दिलों में फासला नहीं
जहाँ में ऐसा कौन है,
कि जिसको ग़म मिला नहीं
जहाँ में ऐसा कौन है,
कि जिसको गम मिला नहीं
तुम्हारे प्यार की कसम,
तुम्हारा ग़म है मेरा गम
न यूं बुझे बुझे रहो,
जो दिल की बात है कहो
जो मुझ से भी छुपाओगे,
जो मुझ से भी छुपाओगे
तो फिर किसे बताओगे
मैं कोई गैर तो नहीं
दिलाऊँ किस तरह यकीन,
दिलाऊँ किस तरह यकीन
कि तुम से मैं जुदा नहीं
मुझ से तुम जुदा नहीं
तुम से मैं जुदा नहीं,
मुझ से तुम जुदा नहीं
तुम से मैं जुदा नहीं,
मुझ से तुम जुदा नहीं
तुम से मैं जुदा नहीं,
मुझ से तुम जुदा नहीं
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