ये ऑंखें देख कर हम- धनवान १९८१
समय से आगे का संगीत देने वाला संगीतकार-जी हाँ
हम ऐसे ही जानेंगे हृदयनाथ मंगेशकर को क्यूंकि स्वयं लता
ने उनके बारे में ऐसा कहा है जो हृदयनाथ कि बहन हैं। उनकी
धुनें थोड़ी अलग सी तो सुनाई देती हैं इसमें कोई शक नहीं ।
ये गीत है फिल्म धनवान से जिसमे राजेश खन्ना रीना रॉय और
राजेश खन्ना प्रमुख कलाकार हैं। तीनों के नाम 'र' से शुरू होते हैं।
खेतों में बजूका अक्सर सफ़ेद रंग कि पोषक में खड़ा किया जाता है।
गीत शुरू होते समय ऐसा लगता है बजूका अपने बांस से कूद के
ज़मीन पे उतर आया हो और उसने हरे भरे बगीचे /खेत में नाचना
शुरू कर दिया हो। अरे ये तो हीरो है जो हाथ में दो ओरेंज कैंडी लेके
झूमता हुआ नायिका के पास आ रहा है और जल्दी ही गीत गानेवाला
है। गीत गाया है लता और सुरेश वाडकर ने। 'झेंपना' जैसा शब्द कौन
गीतकार इस्तेमाल कर सकता है-पहचानिए ??
गीत के बोल:
ये ऑंखें देख कर हम सारी दुनिया भूल जाते हैं
ये ऑंखें देख कर हम सारी दुनिया भूल जाते हैं
इन्हें पाने की
इन्हें पाने की धुन में हर तमन्ना भूल जाते हैं
तुम अपनी महकी महकी ज़ुल्फ़ के पेचों को कम कर दो
तुम अपनी महकी महकी ज़ुल्फ़ के पेचों को कम कर दो
मुसाफिर इनमें घिरकर अपना रास्ता भूल जाते
भूल जाते हैं
ये ऑंखें देख कर हम सारी दुनिया भूल जाते हैं
ये बाँहें जब हमें अपनी पनाहों में बुलाती हैं
ये बाँहें जब हमें अपनी पनाहों में बुलाती हैं
हमें अपनी क़सम
हमें अपनी क़सम हम हर सहारा भूल जाते हैं
तुम्हारे नर्म-ओ-नाज़ुक होंठ जिस दम मुस्कुराते हैं
तुम्हारे नर्म-ओ-नाज़ुक होंठ जिस दम मुस्कुराते हैं
बहारें झेंपती हैं फूल खिलना भूल जाते हैं
ये ऑंखें देख कर हम सारी दुनिया भूल जाते हैं
बहुत कुछ तुम से कहने कि तमन्ना दिल में रखते हैं
बहुत कुछ तुम से कहने कि तमन्ना दिल में रखते हैं
मगर जब सामने आते हैं कहना भूल जाते हैं
मुहब्बत में जुबां चुप हो तो ऑंखें बात करतीं हैं
मुहब्बत में जुबां चुप हो तो ऑंखें बात करतीं हैं
वो कह देती हैं सब बातें जो कहना भूल जाते हैं
ये ऑंखें देख कर हम सारी दुनिया भूल जाते हैं
ये ऑंखें देख कर हम सारी दुनिया भूल जाते हैं
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