आपसे प्यार हुआ -आबरू १९६८
एक और कर्णप्रिय गीत सुनवाया जाए उसी फिल्म से। ये गीत रफ़ी का
गाया हुआ है। अनजान से चेहरे आपको देखने को मिलेंगे इस गीत में।
नायिका ज़रूर पहचानी सी है उसने फिल्म हमराज़ (राज कुमार वाली)
में काम किया था। फिल्म का निर्देशन सी एल रावल ने किया है। उन्होंने
दिल ही तो है(१९६३) और दिल ने फिर याद किया (१९६६) जैसी फिल्मों का
निर्देशन भी किया था। जैसी कि एक संगीत प्रेमी ने कहीं लिखा है कि ये गीत
ऐसा सुनाई पढता है मानो किसी नामचीन नायक पर फिल्माया गया हो।
नामचीन में-शम्मी कपूर, जोय मुखर्जी, विश्वजीत इत्यादि। विडियो देखने
पर शायद श्रोताओं और दर्शकों को अफ़सोस होगा क्यूंकि नायक बावजूद
अपने प्रयत्नों के अदाएं और हाव भाव प्रदर्शित करने में सफल नहीं हो पा रहा है।
वही हाल नायिका का भी है। विम्मी की प्रतिभा का पर्याप्त दोहन करने में
बॉलीवुड के निर्देशक निर्माता असफल रहे। एक आध फिल्म वे बना सकते थे
दो बहनों की कहानी पर जिसमे वे बबीता को विम्मी के साथ ले सकते थे।
गीत के बोल:
आपसे प्यार हुआ, आप खफा हो बैठे
मिल के बैठे भी ना थे और जुदा
हाय, जुदा हो बैठे
आपसे प्यार हुआ, आप खफा हो बैठे
मिल के बैठे भी ना थे और जुदा
हाय, जुदा हो बैठे
आपसे प्यार हुआ
हो ओ ओ ओ ओ हाय
सांस लेती हो तो क्या कहर की लू चलती है
सांस लेती हो तो क्या कहर की लू चलती है
यूं ये कहती है कोई दिल की सी शै जलती है
कोई दिल की सी शै जलती है
सुर्ख शोले की तरह
सुर्ख शोले की तरह आप ये क्या हो बैठे
मिल के बैठे भी ना थे और जुदा
हाय, जुदा हो बैठे
आपसे प्यार हुआ
जोश पे हुस्न का तूफ़ान नज़र आता है
जोश पे हुस्न का तूफ़ान नज़र आता है
इश्क की मौत का सामन नज़र आता है
सामन नज़र आता है
और कश्ती से किनारे
और कश्ती से किनारे भी खफा हो बैठे
मिल के बैठे भी ना थे और जुदा
हाय जुदा हो बैठे
आपसे प्यार हुआ
हो ओ ओ ओ ओ हाय
हर नज़र तीर सही देखिये इक बार हमें
हर नज़र तीर सही देखिये इक बार हमें
मरना तकदीर सही मौत से है प्यार हमें
अब मौत से है प्यार हमें
खेंचिये यूँ ना कमान
खेंचिये यूँ ना कमान तीर खता हो बैठे
मिल के बैठे भी ना थे और जुदा
हाय जुदा हो बैठे
आपसे प्यार हुआ आप खफा हो बैठे
मिल के बैठे भी ना थे और जुदा
हाय, जुदा हो बैठे
आपसे प्यार हुआ
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Aapse pyar hua(Rafi)-Aabroo 1968
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