तुम्हारे बुलाने को जी चाहता है-लाडली १९४९
वाले अंदाज़ में गाया है। लता मंगेशकर के शुरूआती गीतों में
से एक है ये जिसे लिखा है बेहज़ाद लखनवी ने और धुन बनाई
है अनिल बिश्वास ने । इसे लता के लोकप्रिय गीतों में गिना
जाता है । १९४९ में बना ये गीत आज भी मन को लुभाता है।
गीत का विडियो यू ट्यूब पर उपलब्ध नहीं है। ये ऑडियो क्लिप
है जिसपर संगीत प्रेमी ने स्लाईड शो बनाया है नायिकाओं के
फोटो लगा के।
गीत के बोल:
तुम्हारे बुलाने को जी चाहता है, जी चाहता है
तुम्हारे बुलाने को जी चाहता है, जी चाहता है
मुक़द्दर बनाने को जी चाहता है, जी चाहता है
तुम्हारे बुलाने को
जो तुम आओ, तो साथ खुशियाँ भी आयें, खुशियाँ भी आयें
जो तुम आओ, तो साथ खुशियाँ भी आयें, खुशियाँ भी आयें
मेरा मुस्कुराने को जी चाहता है जी चाहता है
तुम्हारे बुलाने को
तुम्हारी मोहब्बत में, खोयी हुयी हूँ, खोयी हुयी हूँ
तुम्हारी मोहब्बत में, खोयी हुयी हूँ, खोयी हुयी हूँ
तुम्हें ये बुलाने को, जी चाहता है, जी चाहता है
तुम्हारे बुलाने को
ये जी चाहता है के तुम्हारी भी सुन लूं, तुम्हारी भी सुन लूं
ये जी चाहता है के तुम्हारी भी सुन लूं, तुम्हारी भी सुन लूं
खुद अपनी सुनाने को, जी चाहता है, जी चाहता है
मुक़द्दर बनाने को जी चाहता है, जी चाहता है
तुम्हारे बुलाने को
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Tumhare bulane ko jee chahta hai-Laadli 1949
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