इंतज़ार और अभी-चार दिल चार राहें १९५९
फिल्म संगीत के दिग्गज अनिल बिश्वास की अंतिम कुछ फिल्मों
में से एक थी 'चार दिल चार राहें ' । फिल्म सन १९५९ में आई थी। फिल्म
में मीना कुमारी और निम्मी प्रमुख कलाकार हैं। राज कपूर और शम्मी कपूर
शायद इसी फिल्म में साथ साथ देखे गए। फिल्म का निर्देशन ख्वाजा
अहमद अब्बास ने किया है।
यहाँ पर निम्मी नाम की कलाकार परदे पर एक मुजरा गीत गा रही हैं ।
फिल्म में उनके चरित्र का नाम 'प्यारी' है। बेहद कर्णप्रिय गीत है यह जिसे
साहिर ने लिखा है और गायक स्वर है लता मंगेशकर का।
गीत के बोल:
जब मैं कहती हूँ के ,
एक रोज़ हुज़ूर आयेंगे
दिल कहता है के
एक दिन तो ज़रूर आयेंगे
इंतज़ार और अभी, और अभी, और अभी
इंतज़ार और अभी
इंतज़ार और अभी, और अभी, और अभी
इंतज़ार और
सांझ की लाली,
सुलग सुलग कर बन गई काली धूल
आये ना बालम बेदर्दी,
मैं चुनती रह गई फूल
इंतज़ार और अभी, और अभी, और अभी
इंतज़ार और अभी, और अभी, और अभी
इंतज़ार और
रैन भई,
बोझल अंखियन में चुभने लगे तारे
देस में मैं परदेसन हो गई,
जब से पिया सिधारे
जब से पिया सिधारे
इंतज़ार और अभी, और अभी, और अभी
इंतज़ार और अभी, और अभी, और अभी
इंतज़ार और
भोर भई,
पर कोई ना आया, सूनी सेज बसाने
तारे डूबे, दीपक बुझ गए
तारे डूबे, दीपक बुझ गए
राख हुए परवाने
इंतज़ार और अभी, और अभी, और अभी
इंतज़ार और अभी, और अभी, और अभी
इंतज़ार और
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