May 4, 2010

कोई देखे तो-अपराधी कौन १९५७

असित सेन निर्देशित इस फिल्म के साथ कई बड़े नाम जुड़े हुए हैं।
ब्रजेन्द्र गौड़ इसके संवाद लेखक हैं। मजरूह सुल्तानपुरी ने फिल्म
के गीत लिखे हैं। आंख मूँद कर अगर आप गीत सुनेंगे तो शायद
आपको लगेगा कि ये ओ पी नय्यर की धुन है।

फिल्म में अभि भट्टाचार्य और माला सिन्हा प्रमुख कलाकार हैं.
सलिल चौधरी के संगीत से सजी इस फिल्म में भी थोडा
अनूठापन है। माला सिन्हा को आप आशा भोंसले की आवाज़ पर
होंठ हिलाते देखेंगे। गीत सुनने लायक है अतः एक बार अवश्य सुनें
और देखें। इस फिल्म में लता मंगेशकर का एक भी गीत
नहीं है। माला सिन्हा की भाव भंगिमाओं से आज की युवतियां
काफी कुछ सीख सकती हैं।



गीत के बोल:

कोई देखे तो कहे तुझको कहीं दीवाना ना
छोड़ दे बैयाँ बलमवा ना ना ना
कोई देखे तो कहे तुझको कहीं दीवाना ना
छोड़ दे बैयाँ बलमवा ना ना ना
हा हा हा हा आ आ आ आ
हा हा हा हा आ आ

देखो जी ओ ना यूँ बेकाज देखो
जाने दो जाने दो मेरा रास्ता ना रोको
देखो जी ओ ना यूँ बेकाज देखो
जाने दो जाने दो मेरा रास्ता ना रोको
वाह जी रसिया सोया ज़माना
और ये तेरा हमको सताना

लाज के मारे पड़े हमको कहीं मर जाना ना
छोड़ दे बैयाँ बलमवा ना ना ना

कोई देखे तो कहे तुझको कहीं दीवाना ना
छोड़ दे बैयाँ बलमवा ना ना ना

मान जा सैयां ना करता जा इशारे
खिड़की से देखे ना कहीं चंदा सितारे
मान जा सैयां ना करता जा इशारे
खिड़की से देखे ना कहीं चंदा सितारे

वाह जी रसिया सोया ज़माना
और ये तेरा हमको सताना

ऐसी बातों का बना डाले कोई अफसाना ना
छोड़ दे बैयाँ बलमवा ना ना ना
कोई देखे तो कहे तुझको कहीं दीवाना ना
छोड़ दे बैयाँ बलमवा ना ना ना

आऊंगी फिर पिया बंदी हूँ तोरी
उलझी हैं दिल से यूँ तेरे नैनों की डोरी

वाह जी रसिया सोया ज़माना
और ये तेरा हमको सताना

यूँ ना हो बेकल मिलेंगे कल बलम घबरा ना
छोड़ दे बैयाँ बलमवा ना ना ना

कोई देखे तो कहे तुझको कहीं दीवाना ना
छोड़ दे बैयाँ बलमवा ना ना ना
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Koi dekhe to-Apradhi kaun 1957

Artists:  Abhi Bhattacharya, Mala Sinha

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