मिला है किसी का झुमका-परख १९६०
हिंदी फिल्मों की देसी बाला भी आकर्षक सी दिखाई देती है।
अब सुनिए गाँव की गोर की भूमिका में नायिका साधना के
ऊपर फिल्माया गया एक आकर्षक धुन में पिरोया हुआ लता
का गाया गीत। शैलेन्द्र की लेखनी से ये गीत निकला है और
धुन बनाने के जिम्मेदार व्यक्ति हैं-सलिल चौधरी । कडवे नीम
का नाम इतनी मीठी चतुराई से लिए गया है की वो भी मीठा
सुनाई पढने लगता है। उसके अलावा गीत में आपको बकरियां
अठखेलियाँ करती मिल जाएँगी। श्वेत श्याम युग की बकरियां
आज की नयी फिल्मों की बालाओं से अच्छा नृत्य किया करती थी।
(IMHO) :P
गीत के बोल:
मिला है किसी का झुमका
ठन्डे ठन्डे हरे हरे नीम तले
ओ सच्चे मोती वाला झुमका
ठन्डे ठन्डे हरे हरे नीम तले
सुनो क्या कहता है झुमका
ठन्डे ठन्डे हरे हरे नीम टेल
मिला है किसी का झुमका
प्यार का हिंडोला यहाँ झूल गए नैना
सपने जो देखे मुझे भूल गए नैना
प्यार का हिंडोला यहाँ झूल गए नैना
सपने जो देखे मुझे भूल गए नैना
हाय रे बेचारा झुमका
ठन्डे ठन्डे हरे हरे नीम टेल
हो मिला है किसी का झुमका
जीवन भर का नाता परदेसिया से जोड़ा
आप गाई पिया संग मुझे यहाँ छोड़ा
जीवन भर का नाता परदेसिया से जोड़ा
आप गई पीया संग मुझे यहाँ छोड़ा
पडा है अकेला झुमका
ठन्डे ठन्डे हरे हरे नीम तले
हो, मिला है किसी का झुमका
हाय री ये प्रीत की है रीत जाने कैसी
तन-मन हार जाने में है जीत जाने कैसी
हाय री ये प्रीत की है रीत जाने कैसी
तन-मन हार जाने में है जीत जाने कैसी
जाने ना बेचारा झुमका
ठन्डे ठन्डे हरे हरे नीम तले
हो, मिला है किसी का झुमका
ठन्डे ठन्डे हरे हरे नीम तले
मिला है किसी का झुमका
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