मय से मीना से ना साकी से - खुदगर्ज़ १९८७
इसमें तरह तरह की ध्वनियों का प्रयोग किया गया है। एक जगह पर
बेचारा तबला आपको डिस्को-तबला सुनाई देगा। वैसे तबले के साथ
अन्य ताल वाद्यों का प्रयोग करने वाले राजेश रोशन पहले संगीतकार नहीं
हैं। राहुल देव बर्मन ने ताल वाद्यों के ऊपर शायद सबसे ज्यादा अनुसन्धान
किया था जहाँ तक हिंदी फिल्म संगीत का सवाल है। नीलम जैसा की उनकी
कई फिल्मों में नज़र आता है, किसी केश तेल का विज्ञापन करती सी नज़र
आती हैं। उनकी केश राशि वाकई तारीफ़-ए-काबिल है। गीत एक बेहद सफल
फिल्म "खुदगर्ज़ से लिया गया है। ये "क्यूंकि मैं राकेश रोशन हूँ" की पहली सुपर
हिट फिल्म थी बतौर डायरेक्टर । ये फिल्म के कुछ उन हलके फुल्के दृश्यों में से
है जिसमे डिस्को-खिसको डांस लिया जा रहा है। ऐसे मौके दर्शकों को एक
विश्राम लेने में सहायक होते हैं और कई दर्शक गीत शुरू होते ही सिनेमा
हाल से बाहर निकल कर धूम्रपान या जुगाली करने लगते हैं, पोपकोर्न खरीद
खरीद लाते लाते हैं या शंका निवृत्ति के लिए निकल जाते हैं।
गीत के बोल:
मय से मीना से ना साकी से
मय से मीना से ना साकी से
ना पैमाने से
दिल बहलता है मेरा
आपके आ जाने से
आपके आ जाने से
आपके आ जाने से
आपके आ जाने से
गुल से गुंचों से ना बुलबुल के
गुनगुनाने से
दिल बहलता है मेरा
आपके आ जाने से
आपके आ जाने से
आपके आ जाने से
आपके आ जाने से
ख्वाब में जन्नत का नक्शा
आ गया जब सामने
रु रु रु रु रु रु रु रु रु रु रु रु रु
रु रु रु रु रु रु रु रु
ख्वाब में जन्नत का नक्शा
आ गया जब सामने
फूलों से भी दिल ना बहला
हम लगे तुझे ढूँढने
जन्नत की बहारों से ना परियों के
जन्नत की बहारों से ना परियों के
मुस्कुराने से
दिल बहलता है मेरा
आपके आ जाने से
आपके आ जाने से
आपके आ जाने से
आपके आ जाने से
आपके आ जाने से
एक दिन मैं भी गई थी
जौहरी बाज़ार में
रु रु रु रु रु रु रु रु रु रु रु रु रु
रु रु रु रु रु रु रु रु
एक दिन मैं भी गई थी
जौहरी बाज़ार में
तेरी आँखें याद आयीं
हीरो के भी हार में
मोती से ना हेरों से ना जेवर से
मोती से ना हेरों से ना जेवर से
ना किसी खजाने से
दिल बहलता है मेरा
आपके आ जाने से
आपके आ जाने से
आपके आ जाने से
आपके आ जाने से
आपके आ जाने से
मय से मीना से ना साकी से
मय से मीना से ना साकी से
ना पैमाने से
दिल बहलता है मेरा
आपके आ जाने से
आपके आ जाने से
आपके आ जाने से
आपके आ जाने से
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