कौन सी है चीज़ जो यहाँ-जैसे को तैसा १९७३
फिल्म उद्योग ने पारंपरिक दिखने वाली माँ से लेकर
आधुनिक दिखने वाली माँ देखी है पिछले ७०-७५ सालों
में, जबसे हिंदी चलचित्र निर्माण प्रारंभ हुआ। माँ के पॉवर
को सभी बॉलीवुडियों ने माना और महसूस किया ।
एक गीत सुना जाए फिल्म जैसे को तैसा से, जो माँ की
महिमा का बखान कर रहा है। आनंद बक्षी इसके रचयिता
हैं और इसे गा रहे हैं किशोर और आशा। संगीत पंचम का है।
परदे पर जीतेंद्र और अनजान अभिनेत्री दिखाई देंगे आपको
साथ में माँ के रोल में हैं पुराने ज़माने की नामचीन अभिनेत्री
कामिनी कौशल।
इस विषय पर विस्तृत चर्चा की जाएगी आगे, तब तक सुनते
और देखते रहिये मधुर गीत।
गीत के बोल:
हो, कौनसी है वो चीज़ जो यहाँ नहीं मिलती
कौनसी है वो चीज़ जो यहाँ नहीं मिलती
सब कुछ मिल जाता है लेकिन, हाँ
माँ नहीं मिलती
कौनसी है वो चीज़ जो यहाँ नहीं मिलती
सब कुछ मिल जाता है लेकिन, हाँ
माँ नहीं मिलती
माँ नहीं मिलती
याद किसी को हो तो
ऐसी बात सुनाएँ
जिसमे कहीं ना कहीं
माँ का नाम ना आये
दुनिया में कोई ऐसी दास्तां नहीं मिलती
हो, सब कुछ मिल जाता है लेकिन, हाँ
माँ नहीं मिलती
कौनसी है वो चीज़ जो यहाँ नहीं मिलती
सब कुछ मिल जाता है लेकिन, हाँ
माँ नहीं मिलती
हाँ, माँ नहीं मिलती
जिनकी माँ होती है
खुशकिस्मत होते हैं
जिनकी माँ नहीं होती
जीवन भर रोते हैं
हो ओ ओ ओ ओ ,
जिनकी माँ होती है
खुशकिस्मत होते हैं
जिनकी माँ नहीं होती
जीवन भर रोते हैं
जिस्म उन्हें मिलते हैं लेकिन
जान नहीं मिलती
सब कुछ मिल जाता है लेकिन, हाँ
माँ नहीं मिलती
हाँ, माँ नहीं मिलती
मंदिर पे भी ऐ मन
कुछ राही नहीं रुकते
ईश्वर के आगे भी
कितने सर नहीं झुकते
माँ को जो ना माने वो जुबां नहीं मिलती
सब कुछ मिल जाता है लेकिन, हाँ
माँ नहीं मिलती
कौनसी है वो चीज़ जो यहाँ नहीं मिलती
सब कुछ मिल जाता है लेकिन, हाँ
माँ नहीं मिलती
हाँ, माँ नहीं मिलती
हाँ, माँ नहीं मिलती
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