तू है चंदा तो मैं हूँ चकोर-आगोश १९५३
लता मंगेशकर और किशोर कुमार की आवाज़ में आपने
कई युगल गीत सुने होंगे। अधिकतर गीत आपने सुने होंगे
जो लक्ष्मीकांत प्यारेलाल, एस. डी. बर्मन , कल्याणजी आनंदजी
और आर. डी. बर्मन के संगीत निर्देशन वाले हैं। एक गीत
आपको भूपेन हजारिका के संगीत वाला भी सुनवा चुके हैं
इस ब्लॉग पर फिल्म आरोप (१९७३) से
आइये अब सुनें एक सन १९५३ की फिल्म आगोश से इन्हीं
का एक युगल गीत जिसका संगीत रोशन ने तैयार किया
है। बोल इन्दीवर के हैं। सहायक अभिनेता और अभिनेत्री
पर ये गीत फिल्माया गया है और फिल्म के नायक नायिका
नासिर खान और नूतन दर्शकों के बीच बैठे दिखाई दे रहे हैं।
सहायक पुरुष कलाकार तो आगा जैसे लग रहे हैं बाकी का
पता नहीं जी कौन कौन है।
गीत के बोल:
तू है चंदा तो मैं हूँ चकोर
तेरी मेरी प्रीत लगी
हाय रे प्रीत लगी
ओ टूटे ना लगन की डोर
तेरी मेरी प्रीत लगी
हाय रे प्रीत लगी
तू है चंदा तो मैं हूँ चकोर
तेरी मेरी प्रीत लगी
हाय रे प्रीत लगी
देखा देखी हो गई
मिल गए नैन से नैन
तू भी है बेचैन
एख ले मैं भी हूँ बेचैन
हो ये भेद ना दे कोई खोल
तू है चंदा तो मैं हूँ चकोर
तेरी मेरी प्रीत लगी
हाय रे प्रीत लगी
तू है चंदा तो मैं हूँ चकोर
तेरी मेरी प्रीत लगी
हाय रे प्रीत लगी
मैं हूँ तेरी नार छबीली
तू है मेरा छैल
जैसे फैले आंख में काजल
बात गई है फैल
हो, गली कूचों में है यही शोर
तेरी मेरी प्रीत लगी
हाय रे प्रीत लगी
तू है चंदा तो मैं हूँ चकोर
तेरी मेरी प्रीत लगी
हाय रे प्रीत लगी
आंचल में बाल डाल डाल के
सोची है क्या बात
देखो टूट ना जाए बलमा
जीवन भर का साथ
हो, भले दुनिया लगा ले जोर
तेरी मेरी प्रीत लगी
हाय रे प्रीत लगी
तू है चंदा तो मैं हूँ चकोर
तेरी मेरी प्रीत लगी
हाय रे प्रीत लगी
तू है चंदा तो मैं हूँ चकोर
तेरी मेरी प्रीत लगी
हाय रे प्रीत लगी
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