आ के अब आता नहीं दिल को करार-महबूबा १९५४
आपको इस ब्लॉग पर १९७६ की महबूबा फिल्म से
दो गीत सुनवाए जा चुके हैं। आइये अब सुना जाए
गीत जी की एक पसंद की अभिनेत्री पर फिल्माया गया
लता जी का गाया गीत। फिल्म में शम्मी कपूर और
नलिनी जयवंत की जोड़ी है।
उस ज़माने में नलिनी जयवंत एक नामी सितारा
थीं और शम्मी नए कलाकार। शम्मी को इस हिसाब
से सभी काल की सुन्दर अभिनेत्रियों के साथ अभिनय
का मौका मिल गया। स्वयं के निर्देशन में फिल्म
मनोरंजन में जीनत अमान के साथ अभिनय का भी
मौका मिला हालाँकि उस फिल्म के हीरो थे संजीव कुमार।
गाने के बोल:
आ के अब आता नहीं दिल को करार
आ के अब आता नहीं दिल को करार
राह तकते थक गया है इंतज़ार
आ के अब आता नहीं दिल को क़रार
किस कदर बेचैन है दुनिया मेरी
किस कदर बेचैन है दुनिया मेरी
दिल की हर धड़कन में है आहात तेरी
आरजुएँ हो रही हैं बेकरार
आ के अब आता नहीं दिल को करार
दिल सदायें दे रहा है तू कहाँ
दिल सदायें दे रहा है तू कहाँ
मुन्तजिर है चाँद तारे आसमान
ये हवाएं ये फज़ाएँ ये बहार
आ के अब आता नहीं दिल को करार
पास तेरे वो हसीं रातें गई
पास तेरे वो हसीं रातें गई
प्यार की रंगीं मुलाक़ातें गई
रह गया है दर्द दिल की यादगार
आ के अब आता नहीं दिल को क़रार
आ के अब आता नहीं दिल को करार
राह तकते थक गया है इंतज़ार
आ के अब आता नहीं दिल को क़रार
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