आप से मैंने मेरी जान-ये रात फिर नहीं आएगी १९६६
ओ पी नय्यर के संगीत निर्देशन वाली एक और फिल्म है
जिसके सभी गीत सुने जाते हैं और ये तय करना मुश्किल
होता है कि कौन सा बेहतर है। ओ पी नय्यर के लिए शायद
ये चुनौती भरा विषय रहा होगा एक भूतिया फिल्म के लिए
संगीत तैयार करना। हिंदी सस्पेंस फिल्मों का खाका अक्सर
भूतों के इर्द गिर्द घूमा करता है। इस गीत में नायक नायिका
दोनों स्मार्ट दिख रहे हैं। मैंने सुन्दर शब्द का प्रयोग इसलिए
नहीं किया कि सुन्दरता शब्द शायद स्त्रियों के लिए सुरक्षित
है। पुराने ज़माने में पुरुषों का चेहरा गोरा बनाने वाली क्रीम
नहीं आया करती थी।
गीत फिल्माया गया है विश्वजीत और शर्मिला टेगोर पर।
शर्मिला अपनी चित-परिचित घबराहट मिश्रित मुस्कराहट
के साथ प्रस्तुत हैं। ये एक ऐसा भाव था जो उनका ट्रेड मार्क
भाव कहा जा सकता है।
गीत के बोल लाजवाब हैं और इसको टाइप करने में भी आनंद की
अनुभूति हो रही है। इसको आप कह सकते हैं आदर्श/संपूर्ण युगल
गीत । एक उम्दा किस्म का रोमांटिक गीत सुनकर दिल बाग़ बाग़ हो
उठता है। गीत लिखा है शम्सुल हुदा बिहारी(SH Bihari) ने।
गीत के बोल:
आपसे मैंने मेरी जान मोहब्बत की है
आप चाहें तो मेरी जान भी ले सकती हैं
आप जब हैं तो मेरे पास मेरा सब कुछ है
जान क्या चीज है ईमान भी ले सकती हैं
आप से मैंने मेरी जान
आपको मैंने मोहब्बत का खुदा समझा है
आप कहिये कि मुझे आपने क्या समझा है
ज़िन्दगी क्या है मोहब्बत की मेहरबानी है
दर्द को मैंने हकीकत में दवा समझा है
आपसे मैंने मेरी जान मोहब्बत की है
आप चाहें तो मेरी जान भी ले सकती हैं
आप से मैंने मेरी जान
दिल वही है जो सदा गीत वफ़ा के गाये
प्यार करता हो जिसे प्यार ही करता जाए
सैंकड़ों साल जीने से बेहतर है वो घडी
हाथ में जब हाथ हो जब यार का मौत आ जाए
आपसे मैंने मेरी जान मोहब्बत की है
आप चाहें तो मेरी जान भी ले सकते हैं
आप जब हैं तो मेरे पास मेरा सब कुछ है
जान क्या चीज है ईमान भी ले सकती हैं
आपसे मैंने मेरी जान
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