Jan 7, 2011

हूँ मैं एक नया तराना-फरार १९५५

'नया' थीम और शब्द के ऊपर आपको नए साल कई शुरुआत में एक गीत
सुनवाया
था। एक और गीत सुनिए जिसमे नए तराने के जिक्र है। एक
क्लब
सॉन्ग है ये। एक दाढ़ी वाला स्टेज पर गिटार भांज रहा है। गीता
बाली नृत्य कर रही हैं और परदे पर इसे गा रही हैं। गायिका गीता दत्त ने
पार्श्व गायन किया है। प्रेम धवन के लिखे गीत की तर्ज़ बनाई है संगीतज्ञ
अनिल बिश्वास ने।



गीत के बोल:

हर इक नज़र इधर उधार
है बेक़रार मेरे लिए
महफ़िल का दिल धड़क रहा है बार बार
मेरे लिए

हूँ मैं इक नया तराना इक नया फ़साना
इक नई कहानी हूँ मैं
इक रंग रंगीली इक छैल छबीली
मद मस्त जवानी हूँ मैं
हूँ मैं इक नया तराना इक नया फ़साना
इक नई कहानी हूँ मैं
इक रंग रंगीली इक छैल छबीली
मद मस्त जवानी हूँ मैं
हूँ मैं इक नया तराना

रूप की रानी नाम है मेरा
दिल तडपाना काम है मेरा
रूप की रानी नाम है मेरा
दिल तडपाना काम है मेरा
कोई कहे मतवाली
कोई कहे भोली भाली
कोई कहे दीवानी हूँ मैं
इक रंग रंगीली इक छैल छबीली
मद मस्त जवानी हूँ मैं
हूँ मैं इक नया तराना

मेरी अदाएं मेरे बहाने
कोई ना समझे कोई ना जाने
मेरी अदाएं मेरे बहाने
कोई ना समझे कोई ना जाने
इक पवन झकोला इक उड़न खटोला
इक याद खाली(??) हूँ मैं
इक रंग रंगीली इक छैल छबीली
मद मस्त जवानी हूँ मैं

हूँ मैं इक नया तराना
इक नया फ़साना इक नई कहानी हूँ मैं
इक रंग रंगीली एक छैल छबीली
मदमस्त जवानी हूँ मैं

हूँ मैं एक नया तराना
हूँ मैं

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