Jan 23, 2011

अल्लाह ये अदा- मेरे हमदम मेरे दोस्त १९६८

सन १९६८ की फिल्म मेरे हमदम मेरे दोस्त के दो मधुर गीत -
ना जा कहीं अब ना जा और चलो सजना आपको पहले इधर
सुनवाए जा चुके हैं भारी भरकम विवरण के साथ. अब के बार
इस गीत को कम विवरण के साथ ही सुन लीजिये।

प्रस्तुत गीत को एक पार्टी में गाया जा रहा है। नायिका मुमताज़
इसको परदे पर गा रही हैं, धर्मेन्द्र और शर्मिला टैगोर बाकी
श्रोताओं के साथ इसको ध्यान से सुन रहे हैं। गीत में आपको
सत्तर प्रतिशत क़व्वाली का आनंद मिलेगा। श्रेणी के हिसाब से
इस तरह तो ये टू इन वन गीत हुआ।



गीत के बोल:

अल्लाह ये अदा कैसी है इन हसीनों में
अल्लाह ये अदा कैसी है इन हसीनों में
रूठे पल में ना माने महीनों में
रूठे पल में ना माने महीनों में
अल्लाह ये अदा कैसी है इन हसीनों में
अल्लाह ये अदा कैसी है इन हसीनों में

आहें भर भर के इल्तज़ा कर के
आहें भर भर के इल्तज़ा कर के

हमने देखा है ये हैं पत्थर के
हाँ, हमने देखा है ये हैं पत्थर के

जो मनाओ
जो मनाओ ना माने महीनों में
जो मनाओ ना माने महीनों में

अल्लाह यह अदा कैसी है इन हसीनों में
अल्लाह

चाहे भी हम तो इनको
चाहे भी हम तो इनको
ज़ालिम कहाँ ना जाये
शिकवा है उनसे दिल को
शिकवा है उनसे दिल को , के दिल को
के जिनको देखे से प्यार आये, हाय

अल्लाह यह अदा कैसी है इन हसीनों में
अल्लाह यह अदा कैसी है इन हसीनों में
अल्लाह

चमक आँखों में है सितारों की
चमक आँखों में है सितारों की
छाँव छाओं मुखड़े पे है बहारों की
छाँव मुखड़े पे है बहारों की

बस दिल ही
बस दिल ही
बस दिल ही
बस दिल ही नहीं इनके सीनों में
बस दिल ही नहीं इनके सीनों में

अल्लाह , अल्लाह , यह अदा, ये अदा
कैसी है इन हसीनों में, अल्लाह

हो हो , ओ ओ ओ ओ, हो ओ ओ ओ
चाहत में चीज़ क्या है
चाहत में चीज़ क्या है
यह रंग यह जवानी
उन पर लुटाने वाले
हो, उन पर लुटाने वाले
लुटाये बैठे हैं जिंदगानी, हाय

अल्लाह यह अदा कैसी है इन हसीनों में
अल्लाह यह अदा कैसी है इन हसीनों में
अल्लाह

चाहे राज़ी वो ना रहे फिर भी
चाहे राज़ी वो ना रहे फिर भी
साड़ी महफ़िल में वो तो है फिर भी
हाँ साड़ी महफ़िल में वो तो है फिर भी

खूबसूरत, हाय
खूबसूरत हज़ारों हसीनों में
खूबसूरत हज़ारों हसीनों में

अल्लाह यह अदा कैसी है इन हसीनों में
अल्लाह यह अदा कैसी है इन हसीनों में
अल्लाह

अल्लाह यह अदा कैसी है इन हसीनों में, हसीनों में
रूठे पल में ना माने ना माने महीनों में, महीनों में

अल्लाह, यह अदा कैसी है इन हसीनों में
अल्लाह
..............................................................................
Allah ye ada kaisi hai-Mere humdam mere dost 1968

Artists: Mumtaz, Sharmila Tagore, Dharmendra

1 comments:

मुबीन,  December 30, 2017 at 10:46 AM  

टू इन वन ही है ये.

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