चलो सजना-मेरे हमदम मेरे दोस्त १९६८
ये है एक बेहद लकप्रिय और मधुर गीत। इस गीत से सम्बंधित
लोगों पर बातचीत के पहले कुछ और चर्चा की जाए। लक्ष्मीकान्त
प्यारेलाल की तारीफ़ करने वाले संगीत प्रेमियों की कमी है इंटरनेट
की दुनिया में। उनके बनाये अच्छे गीतों को भी कुछ उच्च-कोटि
(ग़लत फ़हमी के शिकार) के संगीत प्रेमी ख़ारिज कर दिया करते हैं और
नुक्स निकालने बैठ जाते हैं। अब इस गाने को मजरूह सुल्तानपुरी ने लिखा
है जो नामचीन शायर थे। इस गीत को लता मंगेशकर ने गाया है । इस गाने की
बुराई करते वक्त ये तथाकथित संगीत विशेषज्ञ न तो मजरूह साहब की बुराई
करने की हिम्मत करेंगे और न ही लता मंगेशकर की। तो साहब बचा
कौन-संगीतकार। उसके अलावा वे ये भी कहेंगे की शर्मिला टेगोर ने केवल
होंठ हिला हिला के इतने साल फिल्मों में जाया कर दिए। ये एक ऐसे महाशय
की टिप्पणी है जो तनूजा को बेहद प्रतिभाशाली और सुंदर अभिनेत्री बताते हैं।
अब शर्मिला और तनूजा दोनों में से कौन प्रतिभाशाली था ये शायद आम दर्शक
भी भली भांति जानता है।
लता मंगेशकर के कैरेअर में ये गाना एक मील का पत्थर है। बोल कितने ही
बढ़िया हो, अगर धुन में दम नहीं है तो वो गीत आम दर्शक का ध्यान आकर्षित
करने में असफल रहता है। एक बात आपको और बता दूँ की इस गीत के शुरू में
थोड़ा सा संगीत ज्यादा है जो आपको इसके कैसेट सी डी में नहीं मिलेगा । ये आनंद
आपको केवल विडियो में ही प्राप्त होगा। अरे, हीरो की बात करना तो हम भूल ही गए।
माफ़ कीजिये उनके लिए इस गाने में कोई गुंजाईश नहीं है। उनके ऊपर हम
चर्चा करेंगे जब इसी फ़िल्म का एक और गीत पेश किया जाएगा।
गाने के बोल:
चल सजना जहाँ तक घटा चले
चल सजना जहाँ तक घटा चले
लगाकर मुझे गले,
चल सजना जहाँ तक घटा चले
चल सजना जहाँ तक घटा चले
सुंदर सपनों की हैं मंजिल कदम के नीचे
सुंदर सपनों की हैं मंजिल कदम के नीचे
फुरसत किस को इतनी, देखे जो मुद के पीछे
तुम चलो, हम चले, हम चले तुम चलो,
सावन की हवा चले
चलो सजना, जहाँ तक घटा चले
धड़कन तुमरे दिल की उलझी हमारी लट में
धड़कन तुमरे दिल की उलझी हमारी लट में
तुमरे तन की छाया, काजल बनी पलक में
एक हैं दो बदन, दो बदन एक हैं, आँचल के तले तले
चलो सजना, जहाँ तक घटा चले
पथरीली राहों में, तुम संग मैं झूम लूंगी
खाओगे जब ठोकर होठों से चूम लूंगी
प्यार का आज से, आज से प्यार का, हम से सिलसिला चले
चलो सजना, जहाँ तक घटा चले
लगाकर मुझे गले,
चलो सजना जहाँ तक,
जहाँ तक घटा चले
चलो सजना, जहाँ तक घटा चले
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