बागों में खिले हैं कैसे कैसे फुलवा-शुभकामना १९८३
आपको फिल्म सितारा के दो गीत सुनवाए। उम्मीद है
पसंद आये होंगे। अब सुनिए एक कम सुना हुआ कर्णप्रिय
गीत जो कम देखी गई फिल्म शुभकामना से है। इसे
आशा भोंसले और एस पी बालसुब्रमण्यम ने गाया है।
फिल्म में रति अग्निहोत्री और राकेश रोशन की जोड़ी
है। उत्पल दत्त के अलावा इस फिल्म के कलाकारों के
अभिनय पर ज्यादा दिमाग खर्च करने की आवश्यकता
नहीं पड़ेगी, अगर आप फिल्म देखना चाहें तो। गीत
अलबत्ता फिल्म के सुनने लायक हैं और ऐसा लगता है
एक बार फिर संगीतकार की मेहनत बेकार हुई। फिल्म
हिट होती है तो जनता गाने भी सुन लेती है। राकेश रोशन
की हंसी शायद फिल्म उद्योग की सबसे खिसियानी हंसियों
में से एक है। गीत की शुरुआत में केवल यही एक चीज़
खटकती है। बोल अनजान के हैं वही "खाई के पान बनारस"
गीत को लिखने वाले । एक बिल्ली अलसाई सी म्याऊँ बोले
तो जो आवाज़ आएगी कुछ वैसे ही अंदाज़ में इस गीत के
शब्द "गाये", "आये" वगैरह गाये गए हैं।
गीत के बोल:
बागों में खिले हैं कैसे कैसे फुलवा
बुलबुल क्यूँ नहीं गाये
गाना वो चाहे जो होंठों पे ना आये
बुलबुल कैसे गाये
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