May 21, 2011

ख्यालों में किसी के इस तरह-बावरे नैन १९५०

अजीब इत्तेफाक है। बीच रोड पर ट्राफिक के सर्कस के बीच आपको
अगर फिल्म बावरे नैन का ये गीत याद आ जाये तो क्या कीजियेगा ?
अजी बस गुनगुना लग जाइये और क्या। बीच में आड़े टेड़े चलने वालों
के चरित्रों का उल्लेख करके जुबान ख़राब करने के बजाये गीत जोर जोर
से गाने लग जाइये। आज हमने भी यही किया और गाने ने होर्न का काम
किया। बात फिर भी समझ नहीं आई-ऐसा क्यूँ होता है-उलझन में
दिमाग हो और कोई गीत अपने आप दिमाग में कौंध जाये। हम भी
गीत बनाने वालों से यही पूछ लेते हैं-"ख्यालों में किसी के इस तरह
आया नहीं करते" । केदार शर्मा के लिखे गीत की धुन बनाई है रोशन
ने। गीत गा रहे हैं गीता दत्त और मुकेश। राज कपूर के साथ परदे
पर शायद विजय लक्ष्मी नामक अभिनेत्री हैं।



गीत के बोल:

ख़यालों में किसी के, इस तरह आया नहीं करते
किसी को बेवफ़ा आ आ के तड़पाया नहीं करते
ख़यालों में किसी के, इस तरह आया नहीं करते
किसी को बेवफ़ा आ आ के तड़पाया नहीं करते

दिलों को रौंद कर दिल अपना बहलाया नहीं करते
जो ठुकराए गए हों उनको ठुकराया नहीं करते
दिलों को रौंद कर

हँसी फूलों की दो दिन चाँदनी भी चार दिन की है
चाँदनी चार दिन की है
हँसी फूलों की दो दिन चाँदनी भी चार दिन की है
चाँदनी चार दिन की है
मिली हो चाँद सी सूरत तो इतराया नहीं करते
किसी को बेवफ़ा आ आ के तड़पाया नहीं करते

ख़यालों में किसी के

जिन्हें मिटना हो वो मिटने से डर जाया नहीं करते
वो डर जाया नहीं करते
जिन्हें मिटना हो वो मिटने से डर जाया नहीं करते
वो डर जाया नहीं करते
मुहब्बत करने वाले ग़म से घबराया नहीं करते
किसी को बेवफ़ा आ आ के तड़पाया नहीं करते

ख़यालों में किसी के

मुहब्बत का सबक सीखो, ये जाकर जलने वालों से
ये जाकर जलने वालों से
मुहब्बत का सबक सीखो, ये जाकर जलने वालों से
ये जाकर जलने वालों से
के दिल की बात भी लब तक कभी लाया नहीं करते
जो ठुकराए गए हों उनको ठुकराया नहीं करते

ख़यालों में किसी के, इस तरह आया नहीं करते
किसी को बेवफ़ा आ आ के तड़पाया नहीं करते

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Khayalon mein kisi ke-Baawre Nain 1950

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