मेरी बेरी के बेर मत तोड़ो-अनोखी रात १९६८
इसे गरीबों का मेवा तक बतला दिया गया है. बेर खाना
स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है इसलिए अपनी जबरिया
हाई क्लास दिखावटी जिंदगी से निकल कर ज़रा बेर भी
चख लीजिए. आसानी से उपलब्ध होते हैं और स्वादिष्ट
भी लगते हैं. सस्ते में भी मिल जाते हैं. जंगल में आपको
बेर की ढेर झाडियाँ मिल जाएँगी जिसमें छोटे छोटे बेर
से ले कर बड़े साइज़ के बेर भी मिलेंगे. तो खायेंगे ना.
सुनते हैं बेर के उल्लेख वाला एक गाना १९६८ के फिल्म
अनोखी रात से जिसे लिखा है इन्दीवर साहब ने. इसकी
धुन तैयार की है रोशन ने और आशा भोंसले गायिका हैं.
बीर का अर्थ है भाई. राजस्थान निवासी इस शब्द से तो
भली-भांति परिचित हैं.
गीत के बोल:
ना ना ना ना ना ना
मेरी बेरी के बेर मत तोड़ो
मेरी बेरी के बेर मत तोड़ो
कोई काँटा हाय काँटा चुभ जायेगा
ऐसे झटके से डार मत छोडो
ऐसे झटके से डार मत छोडो
कोई काँटा हाय काँटा चुभ जायेगा
बाबुल ने ये पेड़ लगाया
बीरा ने की रखवाली
मेरे बीरा ने की रखवाली
ओ ओ ओ मैया ने इसको ऐसे सींचा
फूलों को जैसे माली
अरे फूलों को जैसे माली
तुम परदेसी आये कहाँ से
अरे तुम परदेसी आये कहाँ से
कैसे पकड़ ली डाली
अरे रे रे मेरी बेरी के बेर मत तोड़ो
मेरी बेरी के बेर मत तोड़ो
कोई काँटा हाय काँटा चुभ जायेगा
खट्टे फ़ेंके मीठे राखे
शबरी बड़ी सयानी
अरे शबरी बड़ी सयानी
अरे जूठे बेर में प्रीत है कितनी
लक्ष्मण ने कब जानी
अरे लक्ष्मण ने कब जानी
राम ही पहचानेंगे मुझको
अरे राम ही पहचानेंगे मुझको
राम की मैं दीवानी
अरे रे मेरी बेरी के बेर मत तोड़ो
मेरी बेरी के बेर मत तोड़ो
कोई काँटा उई काँटा चुभ जायेगा
ऐसे झटके से डार मत छोडो
ऐसे झटके से डार मत छोडो
कोई काँटा हाय काँटा चुभ जायेगा
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Meri beri ke ber mat todo-Anokhi Raat 1968
Artist: Aruna Irani
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