जीने दे ये दुनिया(युगल)-लावा १९८५
रहे हैं जिसे आशा भोसले और मनमोहन सिंह ने गाया है.
मनमोहन सिंह की आवाज़ ८० के दशक में ही सुनाई दी
ये फिल्म के सबसे ज्यादा बजने वाले गीतों में से एक है.
आशा भोंसले की आवाज़ के वैसे तो बॉलीवुड के अधिकाँश
संगीतकार मुरीद थे और हैं, मगर, नैयर और आर डी बर्मन
सबसे ज्यादा बड़े फैन कहे जा सकते हैं. आशा भोंसले की
आवाज़ का सदुपयोग कर के इन दोनों ने ऐसे ऐसे गाने
दे दिए जो और संगीतकारों के लिए असंभव से थे.
इसी गीत का एक धीमा संस्करण भी मौजूद है जिसे सिर्फ
आशा भोंसले ने गाया है. इस गीत पर संगीतकार ने कुछ
एक्स्ट्रा मेहनत की है. इसे आप ४-५ बार सुन लेंगे तो युगल
संस्करण को सुनना कम कर देंगे.
गीत के बोल:
जीने दे ये दुनिया चाहे मार डाले
जीने दे ये दुनिया चाहे मार डाले
लोग हम निराले प्यार करने वाले
जीने दे ये दुनिया चाहे मार डाले
होंठों पे वादे आँखों में क़समें
भूली हमें सारी दुनिया की रस्में
होंठों पे वादे आँखों में क़समें
भूली हमें सारी दुनिया की रस्में
कुछ भी रहा ना अब अपने बस में
दिल जान सब कुछ है तेरे हवाले
लोग हम निराले प्यार करने वाले
जीने दे ये दुनिया चाहे मार डाले
आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ
वो बेक़रारी है मुश्किल है जीना
बन जा तू काली घटा ओ हसीना
आ जाये सावन का रिमझिम महीना
बिखरा दे ज़ुल्फ़ों के बादल ये काले
लोग हम निराले प्यार करने वाले
दीपक पतंगा जलते रहेंगे
गिरते रहेंगे सँभलते रहेंगे
हम दिल की राहों पे चलते रहेंगे
पड़ जायें चाहे पाँवों में छाले
लोग हम निराले प्यार करने वाले
जीने दे ये दुनिया चाहे मार डाले
लोग हम निराले प्यार करने वाले
जीने दे ये दुनिया चाहे मार डाले
…………………………………………….
Jeene de ye duniya(duet)-Laava 1985
Artists: Rajeev Kapoor, Dimple Kapadia
0 comments:
Post a Comment