डोरी प्यार की ना टूटे-हरफ़नमौला १९७६
और बहुबल की ज़रूरत होती है. धनबल भी काम
आता है. दुनिया से लड़ना कोई बच्चों का खेल
नहीं है. जान हथेली पर ले कर चलने वाले ही
प्यार के फील्ड में सक्सेसफुल हो पाते हैं.
प्यार की डोर टूट जाये तो प्यार door से बाहर
निकल जाता है चाहे वो घर का door या दिल
का door.
सुनते हैं मजरूह सुल्तानपुरी की लवली रचना
जिसे रफ़ी और आशा भोंसले ने गाया है. हॉट
सोंग जैसे अंदाज़ में गाना शुरू होता है. ये उस
ज़माने के हिसाब से हमने कहा है. किसी पार्क
के पोखर में नायक नायिका डुबकी जो लगा रहे
हैं. श्यामजी घनश्यामजी ने इसकी धुन तैयार
की है.
गीत के बोल:
डोरी प्यार की ना टूटे
चाहे जितना जोर लगा ले दुनिया
अब तेरा मेरा साथ ना छूटे
अच्छा जी
अब तेरा मेरा साथ ना छूटे
जी चाहे जितना आजमा ले दुनिया
डोरी प्यार की ना टूटे
वो तो कहो के हम पे मुकद्दर था मेहरबान
वो तो कहो के हम पे मुकद्दर था मेहरबान
तुम आज डूब जाते तो क्या कहता ये जहान
कहता के जान दे दी मोहब्बत में आपकी
दुनिया को मिलती प्यार की एक और दास्तान
यही बोल सच्चे झूठे यही बोल सच्चे झूठे
सुन ले तो दिल में बसा ले दुनिया
ओ डोरी प्यार की ना टूटे
चाहे जितना जोर लगा ले दुनिया
अब तेरा मेरा साथ ना छूटे
देखे कोई कमाल दिल-ए-बेकरार के
देखे कोई कमाल दिल-ए-बेकरार के
यूँ दी सज़ा के आ ही गये दिन बहार के
गेसू उड़े निगाह झुकी दिल धड़क गया
चेहरे पे आने जाने लगे रंग प्यार के
खिले प्यार के गुल बूटे
ओये ओये
खिले प्यार के गुल बूटे
अब हम पे आँख ना डाले दुनिया
डोरी प्यार की ना टूटे
डोरी प्यार की ना टूटे
चाहे जितना जोर लगा ले दुनिया
अब तेरा मेरा साथ ना छूटे
अब तेरा मेरा साथ ना छूटे
जी चाहे जितना आजमा ले दुनिया
डोरी प्यार की ना टूटे
……………………………………..
Dori pyar ki na toote-Harfanmaula 1976
Artist: Satish Kaul, Asha Sachdev
0 comments:
Post a Comment