अब चाहे माँ रूठे या बाबा-दाग १९७३
से. इसे लता और किशोर ने गाया है. बोल साहिर के
हैं, वही लुधियाना वाले. संगीत है लक्ष्मीकांत प्यारेलाल
का.
माँ बाप को किसी बहाने से याद तो किया गाने में.
केवल दर्शनवादी गीतों में ही करते हैं. विलायत वाले
तो काली पीली फिल्मों में भी भगवान को याद कर
लेते हैं.
गीत के बोल:
अब चाहे माँ रूठे या बाबा
यारा मैंने तो हाँ कर ली
अब चाहे माँ रूठे या बाबा
यारा मैंने तो हाँ कर ली
अब चाहे सर फूटे या माथा
मैंने तेरी बांह पकड़ ली
………………………………………….
Ab chahe maa roothe ya baba-Daag 1973
Artists: Rajesh Khanna, Sharmila Tagore
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