मलमल में बदन मोरा चमके-५ राईफल्स १९७४
उन फिल्म निर्देशकों तो ज़रूर ही करना चाहिये जिन्हें अपने
काम पर क्विंटलों नाज़ हो गया हो. कुछ भी चिंदी उठा के
चले जाते हैं ऑस्कर लेने.
जौहर की फिल्मों में आपको हास्य के साथ व्यंग्य के
अंश भी मिलेंगे. कभी उनकी कहानी समाज पर तो कहीं
वो हुकूमत और आम जनता के ऊपर कटाक्ष करती मिलेगी.
उनकी एक फिल्म का शीर्षक है नसबंदी.
हमारे देश में देवी देवताओं के बाद सबसे ज्यादा पूजा
फ़िल्मी कलाकारों की ही होती है. इस बात से कलाकारों
का दिमाग सातवे आसमान पर पहुँच जाता है. वे अपने
हाथ में तख्ती ले कर घूमना शुरू कर देते हैं-मैं आदर्श
हूँ. अब आपका आदर्श शेम्पेन पिए तो जनता कम से
कम देसी ठर्रा तो गटक ही सकती है. हीरो ने बांया गाल
खुजाया तो हम दांया खुजा सकते हैं उसके सम्मान में.
सुनते हैं आशा भोंसले का गाया हुआ गीत जिसे लिखा है
राजेंद्र कृष्ण ने और संगीतकार हैं कल्याणजी आनंदजी
गीत के बोल:
आ आ आ आ आ आ
मलमल में बदन मोरा चमके
जोबनवा दमके
सजनवा कैसे छुपाऊं हाय हाय
मलमल में बदन मोरा चमके
जोबनवा दमके
सजनवा कैसे छुपाऊं हाय हाय
कैसे छुपाऊ गोरी बाहें ये तिरछी निगाहें
जवानी की अदायें
मलमल में
मलमल में बदन मोरा चमके
जोबनवा दमके
सजनवा कैसे छुपाऊं हाय हाय
रेशम की मैंने चोली मंगाई
रेशम की मैंने चोली मंगाई
दो पल तन पर भी टिकने न पायी
हो टूट गयी डोरी जो ली अंगड़ाई
टूट गयी डोरी जो ली अंगड़ाई
हुई ऐसी हलचल
हुई ऐसी हलचल मंगानी पड़ी मलमल
मलमल में बदन मोरा चमके
जोबनवा दमके
सजनवा कैसे छुपाऊं हाय हाय
हो के जवान मैंने बड़ा दुःख पाया
हो क जवान मैंने बड़ा दुःख पाया
देखे बुरी आँख से अपना पराया
काहे ये जवानी आई काहे ये शबाब आया
काहे ये जवानी आई काहे ये शबाब आया
हुई ऐसी हलचल
हुई ऐसी हलचल मंगानी पड़ी मलमल
हाय मलमल में
ओ मलमल में बदन मोरा चमके
जोबनवा दमके
सजनवा कैसे छुपाऊं हाय हाय
कैसे छुपाऊ गोरी बाहें ये तिरछी निगाहें
जवानी की अदायें
मलमल में
मलमल में बदन मोरा चमके
जोबनवा दमके
सजनवा कैसे छुपाऊं हाय हाय
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Malmal mein badan mora chamke-5 Rifles 974
Artist: IS Johar, Ambika Johar
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