नन्हा मुन्ना राही हूँ-सन ऑफ इण्डिया १९६२
गीत सुनते हैं जिसमें देशभक्ति का जज़्बा है.
आज की शिक्षण पद्धति में देश के प्रति भक्ति के बीज
डालने की प्रक्रिया को गंभीरता से सुधारने की ज़रूरत है.
जिस व्यक्ति को जयहिन्द बोलने में शर्म आये वो इस
देश के किस काम का.
कर्तव्यों से भी जनता विमुख होती जा रही है, जब वही
चेतना अधिकारों के प्रति जागरूक कर देती है तो फ़िर
कर्तव्यों के प्रति क्यूँ नहीं.
गीत के बोल:
नन्हा मुन्ना रही हूँ देश का सिपाही हूँ
बोलो मेरे संग जय हिन्द जय हिन्द जय हिन्द
जय हिन्द जय हिन्द
नन्हा मुन्ना रही हूँ देश का सिपाही हूँ
बोलो मेरे संग जय हिन्द जय हिन्द जय हिन्द
जय हिन्द जय हिन्द
डट के मैं चलूँगा ना डर डर के
चाहे मुझे जीना पड़े मर मर के
मंज़िल से पहले न लूँगा कही दम
आगे ही आगे बढ़ाउंगा कदम
दाहिने बाएं दाहिने बाएं थम
नन्हा मुन्ना रही हूँ देश का सिपाही हूँ
बोलो मेरे संग जय हिन्द जय हिन्द जय हिन्द
जय हिन्द जय हिन्द
नया है ज़माना मेरी नई है डगर
देश को बनाऊँगा मशीनों का नगर
भारत किसी से रहेगा नहीं कम
आगे ही आगे बढ़ाऊंगा कदम
दाहिने बाएं दाहिने बाएं थम
नन्हा मुन्ना रही हूँ देश का सिपाही हूँ
बोलो मेरे संग जय हिन्द जय हिन्द जय हिन्द
जय हिन्द जय हिन्द
बड़ा हो के देश का सहारा बनूँगा
दुनिया की आँखों का तारा बनूँगा
रखूँगा ऊँचा तिरंगा परचम
आगे ही आगे बढ़ाऊंगा कदम
दाहिने बाएं दाहिने बाएं थम
नन्हा मुन्ना रही हूँ देश का सिपाही हूँ
बोलो मेरे संग जय हिन्द जय हिन्द जय हिन्द
जय हिन्द जय हिन्द
चाँद की सी नगरी है मेरा ये वतन
सबको सिखाउंगा मैं प्यार का चलन
दुनिया में गिरने न दूंगा कही बम
आगे ही आगे बढ़ाऊंगा कदम
दाहिने बाएं दाहिने बाएं थम
नन्हा मुन्ना रही हूँ देश का सिपाही हूँ
बोलो मेरे संग जय हिन्द जय हिन्द जय हिन्द
जय हिन्द जय हिन्द
हो ओ ओ ओ ओ ओ ओ
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Nanha munna rahi hoon-Son of India 1962
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