नया नया होता है पुराना पुराना-जागीर १९८४
थोडा जूतामार है. बहुत सारे रंग हैं इस गीत में अतः इसे
बहुरंगी गीत कह सकते हैं. नए साल के शुरू होते ही ‘नए’
शब्द पर गीत याद आने लगते हैं. अब क्या किया जाए
भेडचाल का अनुसरण तो करना ही पड़ेगा ना, वरना हमें
भी पिछड़ा मान लिया जायेगा. समय के साथ चलना ही
पढता है सबको, नहीं तो समय उन्हें ऐसा करने पर मजबूर
कर देता है. पता नहीं क्यूँ थोड़े थोड़े दिन में मियां डार्विन
सही नज़र आने लगते हैं-सर्वाइवल ऑफ द फिटेस्ट. सभी
युगों में ये प्रासंगिक है. अब फिट होने के मायने क्या हैं
वो गौर फरमाने वाली बात है. इस फिट शब्द के अर्थ में
ही रहस्य है. फिट से मतलब केवल मेंटली फिट या फिज़िकली
फिट होना नहीं है अपितु ज़माने से ताद्तम्य बिठाने की
कला में प्रवीण होना है. अब ये काम एक सींकिया पहलवान
भी बखूबी कर सकता है. उसके लिए १०-१० किलो के बल्ले
होना ज़रूरी नहीं है.
गीत सुना जाए, शायद मैं पॉइंट से भटक कर सिली पॉइंट
की तरफ बढ़ रहा हूँ, क्या करूं क्रिकेट खेलते वक्त भी मैं ऐसे
ही अपनी पोजीशन से सरक जाया करता था. खराब आदत
है. गाना गाया है आशा और किशोर ने. आनंद बक्षी का
दर्शनवाद है और पंचम का वायलिन-तबला-सारंगी है.
गीत के बोल:
सच कहता है
सच कहता है ये सारा ज़माना
सच कहता है ये सारा ज़माना
नया नया होता है पुराना पुराना
नया नया होता है पुराना पुराना
ये तो कहावत है बरसों पुरानी
सोचो नयी कोई छेड़ो कहानी
क्या उनसे कह दो हमने ये माना
क्या उनसे कह दो हमने ये माना
नया नया होता है पुराना पुराना
अरे नया नया होता है पुराना पुराना
नए में चमक है पुराने में क्या है
नए में चमक है पुराने में क्या है
नया न कुछ हो तो ज़माने में क्या है
चमकता जो कुछ नहीं है वो सोना
पुराना है इंसान नया है खिलौना
खिलौने की झूठी, खिलौने की झूठी
खिलौने की झूठी चमक पे न जाना
नया नया होता है पुराना पुराना
अरे नया नया होता है पुराना पुराना
मोहब्बत की मस्ती में जो एक निशानी
मोहब्बत की मस्ती में जो एक निशानी
वो होती है तस्वीर कोई पुरानी
पुराने चंद साथी मिले कहाँ पर
यहीं बात आती है सबकी जुबां पर
नया यार कोई
नया यार कोई लतीफा सुनाना
नया यार कोई लतीफा सुनाना
नया नया होता है पुराना पुराना
अरे नया नया होता है पुराना पुराना
जहाँ कल खड़े थे वहीँ के वहीँ हो
जहाँ कल खड़े थे वहीँ के वहीँ हो
तुम्हारा ज़माना गया तुम यहीं हो
अब और हम क्या कहें सोनिये
सब कुछ तो तुम कह गयीं
ज़मीन पे तुम हो और हम आसमान पर
हुआ क्या लगा चुप का ताला जुबां पर
नहीं याद क्या और कोई बहाना
नहीं याद क्या और कोई बहाना
नया नया होता है पुराना पुराना
नया नया होता है पुराना पुराना
सच कहता है ये सारा ज़माना
नया नया होता है पुराना पुराना
नया नया होता है पुराना पुराना
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Naya naya hota hai-Jaagir 1984
Artists: Dharmendra, Zeenat Aman
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