हम न रहेंगे-जान हाज़िर है १९७५
आपको फिल्म "जान हाज़िर है" से एक गीत सुनवाया था कुछ साल
पहले. इस फिल्म से दूसरा गीत सुनिए और देखिये. ये एक रेयर
क्लिप है और शायद संगीत के काफी गंभीर किस्म के भक्त ने इसे
लोड किया है यू ट्यूब पर. इसके अलावा इसका वीडियो मुझे देखने
को नहीं मिला है. शैलेन्द्र पुत्र शैली शैलेन्द्र ने इसके बोल लिखे हैं और
ये तीन गायकों की आवाज़ में है-मनहर उधास, अमित कुमार और
दिलराज कौर. फिल्म ज्यादा क्या नहीं के बराबर चली मगर संगीत
सुना गया इसका. ये गीत आकाशवाणी पर सुनाई देता रहा बरसों.
आज के दौर में इसे सुनना दुर्लभ अनुभव है.
गीत में आपको तीन कलाकार दिखाई देंगे-शेखर कपूर, प्रेम किशन और
नताशा.
गीत के बोल:
हम न रहेंगे, तुम न रहोगे, ये प्यार हमारा हमेशा रहेगा
प्यार का ऐसा फ़साना रचेंगे, के याद हमारी ज़माना करेगा
हम न रहेंगे
सूरज धरती चंदा जैसा, अपना नाता है सदियों पुराना
चलते चलते चाहे ये रुक जाए
फिर भी रहेगा ये रिश्ता सुहाना
आंधी या तूफ़ान
आंधी या तूफ़ान चाहे जो भी आये
कारवां हमारा तो चलता रहेगा
जन्म मरण का साथ हमारा, हर जीवन हम मिल के रहेंगे
चमकेंगे कभी बन के सितारे, फूल बन के कभी हम सब खिलेंगे
समय का सागर
समय का सागर, सुख भी जाए
प्रेम का कमल तो खिलता रहेगा
हम न रहेंगे, तुम न रहोगे,
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Ham na rahenge-Jaan Hazir Hai 1975
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