तुम्हारी बेरुख़ी से-यौवन १९७३
उन्होंने कई भाषाओं में गीत गाये जैसे हिंदी, बंगाली, उड़िया , मराठी,
गुजराती, भोजपुरी और मलयालम. जिंदादिली और जोश उनकी गायकी
की विशिष्टता है. कई फिल्मों में उन्होंने अभिनय किया मगर वे ज्यादा
दिलचस्पी गायन में दिखाते रहे. फिल्म आराधना के बाद तो उन्होंने
पार्श्व गायक के रूप में ही अपनी सेवाएं दीं फिल्म उद्योग को. बीच बीच
में वे अपनी इक्का दुक्का फ़िल्में बनाते रहे. उन्होंने लगभग सभी नामचीन
संगीतकारों के लिए गीत गाये. कुछ गुमनाम संगीतकारों के लिए भी
यदा कदा वे गाते रहे.
संगीतकार सोनिक ओमी के लिए उन्होंने १६ गीत गाये जिनमें से एक
आज प्रस्तुत है. फिल्म यौवन सन १९७३ की फिल्म है जिसका एक गीत
आप सुन चुके हैं इधर. फिल्म के गीत ओमकार वर्मा ने लिखे हैं. फिल्म
में अनिल धवन और योगिता बाली प्रमुख कलाकार हैं. दिलचस्प बात
ये है फिल्म की-इसमें कबीर बेदी ने झुमरू नाम का किरदार निभाया है.
गौरतलब है किशोर की एक फिल्म का नाम झुमरू है. योगिता बाली उनकी
बीवी नंबर ३ रह चुकी हैं. फिल्म के निर्देशक रंजन बोस अपनी स्क्रीनप्ले
लिखने की क़ाबलियत के लिए ज्यादा पहचाने गए. उन्होंने हावड़ा ब्रिज और
दिल्ली का ठग जैसी फिल्मों की पटकथा भी लिखी है. प्रस्तुत फिल्म में
कहानी, पटकथा और निर्देशन उनका ही है. सिर्फ संवाद मदन जोशी ने लिखे
हैं. मदन जोशी ने सन १९७३ में एक और फिल्म के संवाद लिखे थे-संजीव
कुमार जाया भादुड़ी अभिनीत अनामिका. उनका संवाद लिखने का सफर १९६९
की सफल फिल्म इंतकाम से शुरू हुआ था.
गीत के बोल:
तुम्हारी बेरुख़ी से परेशान हैं नज़ारे
ज़रा सा मुस्करा के तुम इन्हें दे दो सहारे
तुम्हारी बेरुख़ी से ...
परेशान किसलिए होती हो तुम अपनी जवानी से
ख़ुशी और मन का रिश्ता तो रहेगा ज़िन्दगानी से
है ग़म कैसा कहो हमसे ओ दिल में है तुम्हारे
तुम्हारी बेरुख़ी से ...
किसी प्यासे की आँखों के छलकते जाम पीने दो
किसी भँवरे की ज़ुल्फ़ों के हमें साए में जीने दो
समा थम जाए जो इक बार तुम कर दो इशारे
तुम्हारी बेरुख़ी से ...
जलेगा दिल बहारों का जो तुम आँसू बहाओगे
मिलेगा चैन कलियों को अगर तुम मुस्कराओगी
उसी की ज़िन्दगानी है जो इसे हँस कर गुज़ारे
तुम्हारी बेरुख़ी से परेशान हैं नज़ारे
ज़रा सा मुस्करा के तुम इन्हें दे दो सहारे
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Tmhari berukhi se-Yauwan 1973
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