अरे सुन ओ हसीना काजल वाली-संगीत १९९२
वाकये हम पेश कर चुके हैं इस ब्लॉग पर. आइये लगे हाथ तीसरा
उदाहरण भी प्रस्तुत कर देते हैं. ये कुछ नया नया सा है. वैसे इसे
भी रुपहले परदे पर अवतरित हुए बस २३ साल ही हुए हैं. ये सन
१९९२ का गीत है फिल्म संगीत से. अब आपको ये भी बता दिया जाए,
किस किस का ओ हसीना आपने सुना है अब तक. एक तो पहले
आपने सुना है इधर-तीसरी मंजिल से मजरूह का, दूसरा आपने
पिछली पोस्ट में सुना आनंद बक्षी वाला, अब सुनने वाले हैं आप
संतोष आनंद की कलम से निकला 'ओ हसीना ' आप कहेंगे ये तो
बेईमानी है क्यूंकि ये शब्द मुखड़े की जगह तीसरी पंक्ति में आ रहे
हैं. अब क्या करें, ये गीत इन्हीं शब्दों से प्रसिद्ध है. मुझे हमेशा ऐसे
गीतों से दिक्कत रही, जो शुरू कानपुर से होते हैं और सी. डी., कैसेट
वगैरह के विवरण में नागपुर छपा मिलता है. ऐसा अक्सर उन गीतों
के साथ भी होता है जिनके शुरू में एक आध शेर-शेरनी चिपके होते हैं.
जैसे साम्बर के साथ चटनी फ्री मिलती है, वैसे ही कुछ गीतों के
साथ शुरू में शेर फ्री मिला करते हैं हिंदी फिल्म संगीत के खजाने में.
वैसे एक बात तो तय है कुछ शेर गीत की खूबसूरती में इजाफा ही
करते हैं.
गीत फिल्माया गया है जैकी श्रोफऔर माधुरी दीक्षित पर. संगीत
तैयार किया है आनंद-मिलिंद ने. गीत को गा रहे हैं जोली मुखर्जी.
जिनकी आवाज़ बिलकुल अलग हट के है और वे सैकड़ों की भीड़
में अलग पहचाने जाते हैं. फिल्म चांदनी का शीर्षक गीत आपको
याद ही होगा-'चांदनी मेरी चांदनी' इन्हीं का गाया हुआ है.
gगीत के बोल:
ओ उड़ उड़ उड़ता जाऊं मैं पंछी अलबेला कोई
सुने या सुने न मुझको अरे गाता जाऊं अकेला
अरे सुन ओ हसीना काजल वाली, अरे सुन ओ हसीना
अरे सुन ओ हसीना काजल वाली
मेरा पूछो पता न दिलदारा मैं आवारा एक बंजारा
मेरा पूछो पता न दिलदारा मैं आवारा एक बंजारा
मैं आवारा एक बंजारा, मैं आवारा एक बंजारा
मेरा पूछो पता न दिलदारा मैं आवारा एक बंजारा
रे, मेरा पूछो पता न दिलदारा मैं आवारा एक बंजारा
तेरी साँसों के झूले में झूला झूलूँ मैं अरे झूला झूलूँ मैं
तेरे होंठों के फूलों को हौले से छू लूं, छू लूं मैं.
अरे दिल का बजाऊँ मैं इकतारा मैं आवारा एक बंजारा
हो, दिल का बजाऊँ मैं इकतारा मैं आवारा एक बंजारा
अरे सुन ओ हसीना काजल वाली, अरे सुन ओ हसीना
अरे सुन ओ हसीना काजल वाली
मेरा पूछो पता न दिलदार मैं आवारा एक बंजारा
मेरा पूछो पता न दिलदार मैं आवारा एक बंजारा
धूप में भी चला, छांव में भी चला
अरे मन मेरा मनचला, सबसे प्यार से मिला
धूप में भी चला, छांव में भी चला
अरे मन मेरा मनचला, सबसे प्यार से मिला
पीछे मुड के देखा न दोबारा, मैं आवारा एक बंजारा
पीछे मुड के देखा न दोबारा, मैं आवारा एक बंजारा
अरे सुन ओ हसीना काजल वाली, अरे सुन ओ हसीना
अरे सुन ओ हसीना काजल वाली
मेरा पूछो पता न दिलदार मैं आवारा एक बंजारा
रे मेरा पूछो पता न दिलदार मैं आवारा एक बंजारा
मैं आवारा एक बंजारा, मैं आवारा एक बंजारा
मेरा पूछो पता न दिलदार मैं आवारा एक बंजारा
रे मेरा पूछो पता न दिलदार मैं आवारा एक बंजारा
मैं आवारा एक बंजारा, मैं आवारा एक बंजारा
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O haseena kaajal wali-Sangeet 1992
1 comments:
सही कहा आपने
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