आना ज़रा पास तो आ–खूबसूरत १९९९
की फिल्म है. एक खूबसूरत ८० के दशक में भी बनी थी
जिसमें खूबसूरत का किरदार रेखा ने निभाया था. कभी
कभी नाम से कंफ्यूज़न भी होता है फिल्म के, इसमें कम
से कम ये तय है खूबसूरत माने फिल्म की खूबसूरत
हीरोईन. आपने दिल के कई संबोधन पढ़े हैं इस ब्लॉग
की पोस्ट पर, जो हमने नहीं गीतकारों ने समय समय
पर दिए हैं. इस गीत में दिल पाजी है, गौर फरमाएं.
इस नयी खूबसूरत में नायिका हैं उर्मिला मातोंडकर. साथ
में हैं संजय दत्त. उर्मिला मातोंडकर और संजय दत्त रामू
उर्फ रामगोपाल वर्मा की फिल्म ‘दौड’ में साथ थे. गीत
गुलज़ार ने लिखे हैं! संगीत जतिन ललित का है जो कुछ
हद तक आर. डी. बर्मन प्रभाव से मुक्त सुनाई दिए हैं इस
फिल्म में. ये दीगर बात है जैसे जैसे वे इस प्रभाव से
बाहर आते गए, वैसे वैसे उनका संगीत प्रभावहीन होता
गया, ये समझ के बाहर की चीज़ है मेरे लिए.
आज नए पाठक मिले हैं ब्लॉग को कुछ, जो चीन, मलेशिया,
हांगकांग, लाइबेरिया, सिंगापुर और आयरलैंड से हैं, उनका
स्वागत है इधर.
गीत के बोल:
आना ज़रा, पास तो आ
छूने तो दे साँसें ज़रा
होंठों से तू, होंठों तले
शहद भरा, रस टपका
आना ज़रा, पास तो आ
छूने तो दे साँसें ज़रा
बारिशें गुनगुनाएं तो
ख्वाहिशें जाग जाएँ तो
इस पाजी दिल को कैसे समझाएं
तू भी तो कभी समझ समझा ज़रा
आना ज़रा, पास तो आ
छूने तो दे साँसें ज़रा
रात भर सोयी भी नहीं
आज तो रोई भी नहीं
दिल की शैतानी अच्छी लगती है
तू भी तो नादां मुझको मना
आना ज़रा, पास तो आ
छूने तो दे साँसें ज़रा
होंठों से तू, होंठों तले
शहद भरा, रस टपका
……………………………………………………..
Aana Zara paas to-Khoobsurat 1999
0 comments:
Post a Comment