चुन चुन करती आई चिड़िया-अब दिल्ली दूर नहीं १९५७
बहुत से बने हैं हिंदी फिल्म जगत में. ये गीत ८० के
दशक तक तो लुभाते थे बच्चों को. आज के बच्चों का
टेस्ट बदल गया है, वे बड़ों के लिए बने गीतों से ही
प्रसन्न होते हैं.
प्रस्तुत गीत को खूब सुना गया है एक अरसे तक. बाल
दिवस पर आकाशवाणी के विभिन्न स्टेशन ऐसे गीत
बजाये करते. शैलेन्द्र का लिखा और दत्ताराम के संगीत
से निखरा ये गीत मोहम्मद रफ़ी ने गाया है. सन १९५७
की फिल्म ‘अब दिल्ली दूर नहीं’ फिल्म से ये गीत
आपके लिए आज चुना गया है.
गीत के बोल:
चुन चुन करती आई चिड़िया
दाल का दाना लाई चिड़िया
मोर भी आया, कौवा भी आया
चूहा भी आया, बन्दर भी आया
चुन चुन करती आई चिड़िया
भूख लगे तो चिड़िया रानी
मूँग की दाल पकाएगी
कौवा रोटी लाएगा
लाके उसे खिलाएगा
मोर भी आया, कौवा भी आया
चूहा भी आया, बन्दर भी आया
चलते चलते मिलेगा भालू
हम बोलेंगे नाचो कालू
मुन्ना ढोल बजाएगा
भालू नाच दिखाएगा
मोर भी आया, कौवा भी आया
चूहा भी आया, बन्दर भी आया
साथ हमारे चले बराती
मैं तो हूँ मुन्ने का हाथी
सीधे दिल्ली जाऊँगा
तेरी दुल्हनिया लाऊँगा
मोर भी आया, कौवा भी आया
चूहा भी आया, बन्दर भी आया
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Chun chun karti aayi chidiya-Ab dilli door nahin 1957
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