आ ज़रा मेरे हमनशीं-पूनम १९८१
संघर्ष किया और उन्हें छोटी का संगीतकार बनने में कुछ
ज्यादा समय लगा. ८० के दशक में एक फिल्म आई थी-
पूनम जिसमें पूनम ढिल्लों मुख्य भूमिका में हैं. उनके
नायक हैं राज बब्बर. फिल्म एक रोमांटिक फिल्म है और
इसके कुछ गीत चर्चित हुए. रफ़ी के गाये तीन गीत हैं फिल्म
में जिसमें से ज्यादा चर्चित हुआ और बजा गीत है-लागी लग
जाए लोगों-जो पुराने कलाकार सुधीर पर फिल्माया गया है.
इसके अलावा युगल गीत जो सबसे ज्यादा बजा है उसे आपको
बाद में सुनवायेंगे.
फ़िल्म का रफ़ी का गाया दूसरा गीत आपको पहले सुनवा रहे
हैं जिसे अन्नू ने तबियत से बनाया मगर ये उतनी प्रसिद्धि
नहीं पा सका. इसकी धुन सुन के आपको फिल्म करीब का
गाना याद आने लगें तो चकित मत होइएगा.
राज बब्बर खुशकिस्मत हैं उनको रफ़ी का गाना परदे पर गाने
के लिए मिला. गीत हालांकि दर्द भरा है मगर आप इसे एक
बार सुन लेंगे तो इसे बाद में ज़रूर सुनना चाहेंगे. गीत फिल्माया
गया है कल्पना अय्यर और राज बब्बर पर. गीत में आपको
गुज़रे ज़माने के कलाकार जीवन भी दिखाई देंगे.
गीत के बोल:
आ ज़रा मेरे हमनशीं थाम ले मुझे थाम ले
आ ज़रा मेरे हमनशीं थाम ले मुझे थाम ले
जिंदगी से भाग कर आया हूँ मैं मुझे थाम ले
आ ज़रा मेरे हमनशीं थाम ले मुझे थाम ले
आ ज़रा
अपनी हस्ती से खुद मैं परेशां हूँ
जिसकी मंजिल नहीं ऐसा इंसान हूँ
अपनी हस्ती से खुद मैं परेशां हूँ
जिसकी मंजिल नहीं ऐसा इंसान
मैं कहाँ था कहाँ से कहाँ आ गया
क्या से क्या हो गया मैं भी हैरान हूँ
आ ज़रा मेरे हमनशीं थाम ले मुझे थाम ले
आ ज़रा
बुझ गया भी तो क्या अपने दिल का दिया
अब न रोयेंगे हम रौशनी के लिए
बुझ गया भी तो क्या अपने दिल का दिया
अब न रोयेंगे हम रौशनी के लिए
दिल का शीशा जो टूटा तो गम क्यूँ करें
दर्द काफी है बस जिंदगी के लिए
आ ज़रा मेरे हमनशीं थाम ले मुझे थाम ले
आ ज़रा
रात आती रही रात जाती रही
मेरे गम का न लेकिन सवेरा हुआ
रात आती रही रात जाती रही
मेरे गम का न लेकिन सवेरा हुआ
अपने अपने नसीबों की बातें हैं ये
जो मिला उसका हमको बहुत शुक्रिया
आ ज़रा मेरे हमनशीं थाम ले मुझे थाम ले
जिंदगी से भाग कर आया हूँ मैं मुझे थाम ले
आ ज़रा
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Aa zara mere hamnasheen-Poonam 1981
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