देखें अपनी किस्मत में-आई मिलन की रात १९९१
अनुराधा पौडवाल ने गाया है. किस्मत को टटोलता ही
रह जाता है मनुष्य अपने जीवन में. वे शायद सबसे
ज्यादा सुखी हैं जो किस्मत में विश्वास नहीं करते. एक
न एक समय ऐसा मगर हर एक के जीवन में आता है
जब वो सोचता है-ये किस्मत किस चिड़िया का नाम
है? उसे ऐसे अनुभव होते हैं जो उसके विश्वास को हिला
कर रख देते हैं. कुछ अटपटा या अजीब सा घटित होता
है तब वो सोच में पड़ जाता है कि ऐसा होना उसके
नियंत्रण के बाहर है और उसे कुछ कुछ नियति और
उसके किये पर यकीन होने लगता है. ये कुछ दुविधा
की स्तिथि होती है.
अगला गीत शुरू तो होता है किस्मत वाले मसले से
लेकिन भटक के कहीं और पहुँच जाता है. हाँ, कुछ
अच्छी बातें आगे पेश हैं-जैसे-आशिक हो कर दुनिया से
डरना फ़िज़ूल है. कुछ पंक्तियों का मतलब समझने के
लिए आपको उच्च स्तरीय साहित्यकार की सेवाएं लेना
पड़ सकती हैं.
गीत के बोल:
देखें अपनी किस्मत में काँटा है कि फूल है
देखें अपनी किस्मत में काँटा है कि फूल है
देखें अपनी किस्मत में काँटा है कि फूल है
तेरी राह में
तेरी राह में काँटा भी चुभ जाए तो कबूल है
देखें अपनी किस्मत में काँटा है कि फूल है
तेरी राह में काँटा भी चुभ जाए तो कबूल है
देखें अपनी किस्मत में काँटा है कि फूल है
यही रंग तेरा सतावे हमको किसी की नज़र लग न जावे
यही रंग तेरा सतावे हमको किसी की नज़र लग न जावे
दुश्मन हो कोई ऐसा भी क्या है
हमने सनम प्यार ही तो किया है
हमने सनम प्यार ही तो किया है
प्यार की कसमें कहते हैं पत्थर हैं और भूल हैं
प्यार की कसमें कहते हैं पत्थर हैं और भूल हैं
तेरी राह में काँटा भी चुभ जाए तो कबूल है
देखें अपनी किस्मत में काँटा है कि फूल है
खाएं कसम चाँद के आगे हम
होंगे न जुदा हम में जब तक है जान
खाएं कसम चाँद के आगे हम
होंगे न जुदा हम में जब तक है जान
माना कि तुमको कुछ न पता हो
दुनिया मुझे छीन ले तो क्या हो
दुनिया मुझे छीन ले तो क्या हो
आशिक हो कर दुनिया से डरना ही फ़िज़ूल है
आशिक हो कर दुनिया से डरना ही फ़िज़ूल है
तेरी राह में
तेरी राह में काँटा भी चुभ जाए तो कबूल है
देखें अपनी किस्मत में काँटा है कि फूल है
देखें अपनी किस्मत में काँटा है कि फूल है
देखें अपनी किस्मत में काँटा है कि फूल है
देखें अपनी किस्मत में काँटा है कि फूल है
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Dekhen apni kismet mein-Aayi Milan ki raat 1991
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