है प्रीत जहाँ की रीत सदा-पूरब और पश्चिम १९७०
हैं जो फिल्म पूरब और पश्चिम से है. इसे महेंद्र कपूर ने गाया है. गीत शुरू
होता है हमारे देश की उपलब्धियों के गुणगान से. समूचे विश्व को हमारे देश
और उसकी समृद्ध विरासत से बहुत कुछ मिला है. ये हम नहीं भूल सकते
और हमें उन उपलब्धियों और योगदान पर गर्व होना चाहिए.
गीत हमारे देश की संस्कृति की विशेषताएं भी बतलाता है जिसमें सभी धर्मों
और वर्गों के लिए स्थान है. विश्व का यही एकमात्र ऐसा देश है जो विभिन्न
संस्कृतियों और समाजों को साथ लेकर चल रहा है सदियों से और आगे
चलता रहेगा. हमारी आस्था और निष्ठां को मजबूत बनाते हैं इस गीत के
बोल.
इन्दीवर के लिखे गीत की धुन बनाई है कल्याणजी आनंदजी ने और यह
फिल्म सन १९७० में रिलीज़ हुई थी. गीत काफी लोकप्रिय गीत है और इसे
आप राष्ट्रीय पर्वों पर ज़रूर सुन लेते हैं एक न एक एक बार.
गीत के बोल:
जब जेरो दिया मेरे भारत ने
भारत ने मेरे भारत ने
दुनिया को तब गिनती आई
तारों की भाषा भारत ने
दुनिया को पहले सिखलाई
देता न दशमलव भारत तो
यूँ चाँद पे जाना मुश्किल था
धरती और चाँद की दूरी का
अंदाज़ लगाना मुश्किल था
सभ्यता जहाँ पहले आई
पहले जन्मी है जहाँ पे कला
अपना भारत जो भारत है
जिसके पीछे संसार चला
संसार चला और आगे बढ़ा
ज्यूँ आगे बढ़ा बढ़ता ही गया
भगवान करे ये और बढे
बढ़ता ही रहे और फूले फले
रुक क्यूँ गए, और गाओ
है प्रीत जहाँ की रीत सदा मैं गीत वाहन के गाता हूँ
भारत का रहने वाला हूँ भारत की बात सुनाता हूँ
काले गोरे का भेद नहीं हर दिल से हमारा नाता है
कुछ और ना आता हो हमको हमें प्यार निभाना आता है
जिसे मान चुकी सारी दुनिया
जिसे मान चुकी सारी दुनिया मैं बात वही दोहराता हूँ
भारत का रहने वाला हूँ भारत की बात सुनाता हूँ
जीते हों किसी ने देश तो क्या हमने तो दिलों को जीता है
जहाँ राम अभी तक है नर में नारी में अभी तक सीता है
कितने पावन हैं लोग जहाँ मैं नित नित शीश झुकाता हूँ
भारत का रहने वाला हूँ भारत की बात सुनाता हूँ
इतनी ममता नदियों को भी जहाँ माता कह के बुलाते हैं
इतना आदर इंसान तो क्या पत्थर भी पूजे जाते हैं
उस धरती पे मैंने जनम लिया ये सोच के मैं इतराता हूँ
भारत का रहने वाला हूँ भारत की बात सुनाता हूँ
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Hai preet jahan ki reet sada-Purab aur pashchim 1970
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