मिली ख़ाक में मोहब्बत-चौदहवीं का चाँद १९६०
गीत. ये फिल्म चौदहवीं का चाँद से है. एक टूटे हुए दिल
से कैसी कैसी आवाजें और भाव निकलते हैं इस गीत के
द्वारा समझा जा सकता है.
ये शानदार गीत लिखा है शकील बदायूंनी ने और इसका
संगीत तैयार किया है रवि ने. इसे गुरु दत्त पर फिल्माया
गया है जिसके चलते ये गीत और भी ज्यादा दुखदायी सा
प्रतीत होने लगता है. गुरु दत्त की छबि कुछ ऐसी बन गयी
थी-ट्रेजडी वाली.
बॉक्स ऑफिस पर फिल्म कागज के फूल की असफलता के
बाद चौदहवीं का चाँद एक व्यावसायिक रूप से सफल फिल्म
थी जिसने गुरु दत्त प्रोडक्शंस को उबार लिया.
गीत के बोल:
मिली ख़ाक में मोहब्बत जला दिल का आशियाना
मिली ख़ाक में मोहब्बत जला दिल का आशियाना
जो थी आज तक हकीकत वही बन गयी फ़साना
मिली ख़ाक में मोहब्बत जला दिल का आशियाना
ये बहार कैसी आई जो फिजा भी साथ लाई
ये बहार कैसी आई जो फिजा भी साथ लाई
मैं कहाँ रहूँ चमन में मेरा लुट गया ठिकाना
मिली ख़ाक में मोहब्बत जला दिल का आशियाना
मुझे रास्ता दिखा कर मेरे कारवां को लूटा
मुझे रास्ता दिखा कर मेरे कारवां को लूटा
इधर आ गले लगा लूं तुझे गर्दिश-ए-ज़माना
मिली ख़ाक में मोहब्बत जला दिल का आशियाना
जो थी आज तक हकीकत वही बन गयी फ़साना
मिली ख़ाक में मोहब्बत
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Mili khaak mein mohabbat-Chaudvin ka chand 1960
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