May 29, 2016

रोये जिया २-सितारों से आगे १९५८

सितारों से आगे वही फिल्म है जिसके निर्माण के दौरान लता की
संगीतकार एस डी बर्मन से अनबन हुई थी. १-२ गीत रिकोर्ड होने
के बाद बाकी के गीत आशा भोंसले से गवाए गए. ये किस्सा आपने
जगह-जगह पर सैकड़ों बार पढ़ लिया होगा.

फिल्म का संगीत ज्यादा लोकप्रिय नहीं हुआ ये एक तथ्य है जिसे
सचिन देव बर्मन भक्त झुठलाया करते हैं. असलियत में फिल्म का
संगीत बढ़िया है और फिल्म पिट जाने की वजह से इसपर जनता
जनार्दन की ज्यादा मेहेरबानी नहीं हुई. हालांकि फिल्म में प्रसिद्ध
तरीका वैजयंतीमाला मौजूद हैं और साथ में अशोक कुमार जैसे
कलाकार हैं. फिल्म का निर्देशन सत्येन बोस ने किया और उनकी
निर्देशित फिल्म सवेरा भी सन १९५८ की रिलीज़ है. सवेरा में भी
अशोक कुमार नायक हैं लेकिन नायिका मीना कुमारी हैं साथ में.
सवेरा के २ गीत बेहद लोकप्रिय हुए जिसमें से एक है-नदिया
के पानी ओ रे नदिया के पानी.

लेकिन, इसके बावजूद एक और फिल्म है जिसमें भी अशोक कुमार
नायक है, जिसका निर्देशन भी सत्येन बोस ने किया, जो सन १९५८
में रिलीज़ हुई-वो है सुपरहिट फिल्म-चलती का नाम गाडी जिसमें
भी एस डी बर्मन का संगीत है जिसका जादू आज भी सर चढ के
बोलता है. फिल्म में तीनों भाई मौजूद हैं साथ में मधुबाला. डबल
पैसे वसूल फिल्म है ये. फिल्म में लता मंगेशकर का गाया एक
भी गीत नहीं है.




गीत के बोल:

रोये जिया मेरा आन मिलो पिया
रोये जिया मेरा आन मिलो पिया
उनसे कहना यही दास्तान आसमान
आसमान आज नहीं तो फिर साजना
मैं कहाँ तू कहाँ
उनसे कहना यही दास्तान आसमान
आसमान आज नहीं तो फिर साजना
मैं कहाँ तू कहाँ
ओ बेलिया आन मिलो मोरे पिया
रोये जिया आन मिलो मोरे पिया

दिन भी चले हैं बहार के
आ भी जा आ भी जा
रह ना जाए कोई हार के
आ भी जा आ भी जा
दिन भी चले हैं बहार के
आ भी जा आ भी जा
रह ना जाए कोई हार के
आ भी जा आ भी जा
ओ साथिया आन मिलो मोरे पिया
रोये जिया आन मिलो मोरे पिया
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Roye jiya 2-Sitaron se aage 1958

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