किसके सीने पर सर मैं रखूंगी-अनजान राहें १९७४
अनजान राहें से-किसके सी..........ने पर सर मैं रखूंगी.
गीत की विशेषता एक शब्द का लंबा खींचा जाना और
इसकी आकर्षक धुन है जिसने इसे आम जनता के बीच
लोकप्रिय बनाया. धन्यवाद संगीतकार कल्याणजी आनंदजी
को. इन्दीवर साहब ने इस गीत को लिखा है.
गीत में नायक हैं जीवन पुत्र किरण कुमार जिहोने कई सारी
असफल और कुछ सफल फिल्मों में ७० के दशक में काम
किया. उन्हें प्रसिद्धि उनकी दूसरी पारी में ज्यादा मिली
विशेषकर फिल्म तेज़ाब के बाद. फिल्म अनजान राहें के
निर्माता निर्देशक मोहन बरोडिया हैं. मोहन जी ने सन १९७१
में बनी फिल्म उपासना का भी निर्माण-निर्देशन किया था.
उपासना में भी कल्याणजी आनंदजी का संगीत है और इस
फिल्म में भी फिरोज खान नायक थे.
आशा पारेख गीतों पर अपनी बेहतर भावाभिव्यक्ति के लिए
जानी जाती थीं. दुःख वाले गीतों को छोड़ दें तो खुशनुमा
गीतों में उनका कोई सानी नहीं है.
गीत के बोल:
किसके सीने पर सर मैं रखूंगी
किसके काँधे पर लट बिखराऊँगी
तू चला गया तो बालमा मैं रो रो मर जाऊंगी
मैं रो रो मर जाऊंगी
किसके सीने पर सर मैं रखूंगी
किसके काँधे पर लट बिखराऊँगी
आज छोड़ी लाज सब की तेरे संग लगन लगायी
आज छोड़ी लाज सब की तेरे संग लगन लगायी
हो कर ली पिया तुझसे मन ही मन सगाई
खायी जो मैंने कसम वो पूरी कर जाऊँगी
या कुंवारी रहूंगी या तेरे घर जाऊँगी
तू चला गया तो बालमा मैं रो रो मर जाऊंगी
मैं रो रो मर जाऊंगी
किसके सीने पर सर मैं रखूंगी
किसके काँधे पर लट बिखराऊँगी
जाना था जो तुमको क्यूँ जिंदगी में आये
जाना था जो तुमको क्यूँ जिंदगी में आये
हो तुमने मेरे दिल में ये अरमान क्यूँ जगाए
कौन मुझको छेड़ेगा किसको मैं सताऊंगी
कौन मुझसे रूठेगा मैं किसको मनाऊंगी
तू चला गया तो बालमा मैं रो रो मर जाऊंगी
मैं रो रो मर जाऊंगी
किसके सीने पर सर मैं रखूंगी
किसके काँधे पर लट बिखराऊँगी
तू चला गया तो बालमा मैं रो रो मर जाऊंगी
मैं रो रो मर जाऊंगी
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Kiske seene pe sar main rakhoongi-Anjaan rahein 1974
Artists-Asha Parekh, Kiran Kumar
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